15th President of India ; राष्ट्रपति की शक्तियाँ

15th President of India ; राष्ट्रपति की शक्तियाँ ; भारत का राष्ट्रपति (भारत के 15वें राष्ट्रपति) देश का मुखिया होता है। भारत की स्वतंत्रता से लेकर अब तक 14 राष्ट्रपति के चुनाव हो चुके है। 21  जुलाई 2022 को  द्रौपदी मुर्मू 15वीं राष्ट्रपति चुनी गयी है। राष्ट्रपति निर्वाचन में अपनी अभ्यर्थिता से पूर्व 2015 से 2021 तक वे झारखण्ड की राज्यपाल थी। द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। 

15th President of India
भारत के 15वें राष्ट्रपति , राष्ट्रपति की शक्तियाँ

15th President of India : Draupadi Murmu

राष्ट्रपति की शक्तियाँ (President of India)

राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग होता है। राष्ट्रपति को संसद सत्र आहूत करने, सत्रावसान करने, एवं लोकसभा भंग करने की शक्ति प्राप्त होती है। राष्ट्रपति की अन्य शक्तियां निम्न है –

कार्यकारी शक्ति

  • प्रसादपर्यन्त – राष्ट्रपति के द्वारा नियुक्ति तथा उसी के द्वारा मुक्ति वाले पदों को ही प्रसाद पर्यन्त कहा जाता है। जैसे – भारत का महान्यायवादी, राज्यों के  राज्यपाल,राजदूत या उच्चायुक्त। 

( किन्तु कुछ नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा तो की जाती है परन्तु पदमुक्ति संसद के दोनों सदनों  विशेष बहुमत से होती है। वह है – भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक, मुख्य चुनाव आयुक्त, उच्चतम व उच्च न्यायालय के न्यायाधीश।) 

कूटनीतिक शक्तियां –

  • अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ व समझौते राष्ट्रपति के नाम पर किये जाते है। हालांकि इसके लिए संसद की अनुमति अनिवार्य है। 

सैन्य शक्तियां

  • वह भारत के सैन्य बलों का सर्वोच्च सेनापति होता है। 
  • वह युद्ध या इसकी समाप्ति की घोषणा करता है किन्तु यह संसद की अनुमति के अनुसार होता है। 

वित्तीय शक्तियां (President of India)

  • धन विधेयक और वित्त विधेयक मामले में राष्ट्रपति की सहमति आवश्यक है। 
  • महानियंत्रक व महालेखा परीक्षक, संघ लोक आयोग, वित्त आयोग की रिपोर्ट को संसद के समक्ष  रखता है। 
  • संचित निधि [अनु. 266(1)] – संचित निधि में से धन निकालने के लिए संसद की अनुमति आवश्यक है। 
  • आकस्मिक निधि [अनु. 267(1)] – राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान की गयी है की वह आवश्यकता पड़ने पर संसद की स्वीकृति बिना भी आकस्मिक निधि से धन निकल सकता है। 

  न्यायिक शक्तियां

  • लघुकरण – दंड के स्वरूप को बदलकर कम करना। जैसे मृत्युदंड का लघुकरण कर कठोर कारावास में परिवर्तित करना। 
  • क्षमा – इसमें दोषी को सभी दंडो से पूर्णतः मुक्त कर दिया जाता है। 
  • परिहार – दंड की प्रकृति में परिवर्तन किये बिना उसकी अवधि कम करना। जैसे 2 वर्ष के कठोर कारावास को 1 वर्ष में बदल। 
  •  विराम – शारीरिक अपंगता या महिलाओं की गर्भावस्था के कारण सज़ा को विशेष परिस्थितियों में कम कर देना। 
  • प्रविलम्बन – मृत्युदंड पर अस्थायी रोक लगाना। 

विधायी शक्तियां –

  • राष्ट्रपति प्रत्येक नए चुनाव के बाद तथा प्रत्येक वर्ष संसद के प्रथम अधिवेशन को संबोधित करता है। 
  • वह संसद के संयुक्त अधिवेशन का आह्वान कर सकता है। 
  • राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्राप्त है। (अनु. 123 )

President of India की अन्य शक्तियां –

  • अत्यन्तिक वीटो 
  • निलम्बनकारी वीटो 
  • पॉकेट वीटो 

President of India का वेतन कितना है ?

राष्ट्रपति  को करीब 5 लाख रुपये प्रतिमाह सैलरी मिलती है। इसके अलावा उन्हें आजीवन फ्री मेडिकल सुविधा, आवास समेत अन्य भत्ते भी मिलते है।  

राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति को भारत के संचित निधि में से वेतन मिलता है। 

भारत के उपराष्ट्रपति – (अनु. 63 )

  • उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च पद है। 
  • उपराष्ट्रपति का पद एक आपातकालीन पद है। जिसके स्थान पर कोई कार्यवाहक नहीं होता है।  
  • उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य भाग लेते है। 
  • योग्यताएं –  

1) वह भारत का नागरिक हो। 

            2) वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो। 

            3) वह राज्यसभा का सदस्य बनने  योग्य हो। 

  •  पदावधि – उपराष्ट्रपति की पदावधि उसके ग्रहण करने से लेकर 5 वर्ष तक होती है। 

Summary –

राष्ट्रपति देश और सरकार दोनों का ही प्रमुख होता है। भारत के संविधान में राष्ट्रपति को वही स्थिति प्राप्त है, जो ब्रिटिश संविधान में इंग्लैंड के राजा को है। भारत का राष्ट्रपति ही राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुदृढ़ता का प्रतीक होता है। 

FAQs

Q. भारत के वर्तमान में राष्ट्रपति कौन है?

ANS. 21  जुलाई 2022 को  द्रौपदी मुर्मू 15वीं राष्ट्रपति चुनी गयी है।

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