26 January ko kya hua tha : 26 जनवरी की कहानी क्या है?

26 January ko kya hua tha देश का संविधान शासन व्यवस्था को चलाने वाले नियमों और विनियमों का संग्रह होता है। भारत एक गणराज्य है क्योंकि यहाँ राष्ट्राध्यक्ष निर्वाचित होता है न कि वंशानुगत। भारत में 26 जनवरी का ऐतिहासिक महत्व है। इस दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है।

आइये जानते है 26 जनवरी को क्या हुआ था? क्यों यह दिन इतना महत्वपूर्ण है?

संविधान निर्माण की कुछ झलकियाँ (26 January ko kya hua tha)

जैसा की हम सभी जानते है 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन इस दिन को मनाने का इतिहास क्या रहा उस पर चर्चा होना आवश्यक है। भारत में संविधान बनाने के लिए संविधान सभा की मांग उठी।

भारत में संविधान सभा सिद्धांत का विचार सबसे पहले सन् 1895 में स्वराज विधेयक के रूप में व्यक्त हुआ। जिसके कर्ता-धर्ता बाल गंगाधर तिलक थे। इस विचार का प्रतिपादन एम एन रॉय द्वारा किया गया था। इसके बाद 1938 में पंडित नेहरु द्वारा कहा गया कि संविधान सभा का निर्माण वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा और इसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं होगा। इस तरह संविधान सभा में 211 सदस्य कांग्रेस के व 73 सदस्य मुस्लिम लीग के चुने गए।

कुल 389 सदस्यों में से देशी रियासतों के 93 सदस्यों का स्थान खाली रहा। मुस्लिम लीग ने भी संविधान सभा में शामिल होने से मना कर दिया क्योंकि इस सभा ने पाकिस्तान की मांग को अस्वीकार किया था। इसके बाद संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन 9 दिसंबर, 1946 को दिल्ली में हुआ। सभा का दूसरा अधिवेशन 11 दिसंबर को हुआ। इस अधिवेशन में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सविधान सभा का स्थाई सभापति चुना गया। 

उद्देश्य प्रस्ताव

13 दिसंबर, 1946 को पंडित नेहरु द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया गया। यह प्रस्ताव 22 जनवरी, 1947 को पारित हुआ। यह एक ऐतिहासिक प्रस्ताव था जिसमें स्वतंत्र भारत के संविधान के मूल आदर्शों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। यह एक तरह का फ्रेमवर्क था जिसके तहत संविधान का कार्य आगे बढ़ाना था। इस प्रस्ताव में भारत को एक ‘स्वतंत्र संप्रभु गणराज्य’ घोषित किया गया था। इसी प्रस्ताव के तहत संविधान की प्रस्तावना का निर्माण किया गया।

प्रारूप समिति 

संविधान के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण थी प्रारूप समिति। इसका गठन 29 अगस्त, 1947 को हुआ था। प्रारूप समिति के  अध्यक्ष डॉ. बी. आर. आंबेडकर थे। इन्हें ही नए संविधान को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसमें कुल सात सदस्य थे –

  • डॉ. बी. आर. आंबेडकर 
  • एन. गोपालस्वामी अय्यर 
  • अल्लादी कृष्ण स्वामी अय्यर 
  • डॉ. के. एम. मुंशी 
  • सैयद मोहम्मद सादुल्ला 
  • एन. माधव रॉय 
  • टी. टी. कृष्णामाचारी 

26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? (26 January ko kya hua tha)

संविधान निर्माण पर आखिरी बैठक 14 नवंबर, 1949 से शुरू हुई। डॉ. आंबेडकर ने ‘द कांस्टिट्यूशन ऐज सेटल्ड बाई द असेंबली बी पास्ड’ प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव को 26 नवंबर, 1949 को पारित कर दिया गया। उस दन सभा में उपस्थित 284 सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए। 9 दिसंबर, 1946 से 26 नवंबर, 1949 तक संविधान सभा ने अपना काम पूरा किया। और 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में संविधान का निर्माण किया।  नागरिकता, चुनाव, संसद और कुछ अन्य प्रावधान जैसे अनुच्छेद, 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392 व 393 आदि 26 नवंबर, 1949 को स्वतः की लागू हो गए। 

संविधान की प्रस्तावना में 26 नवंबर का उल्लेख उस दिन के रूप में किया गया गया जिस दिन भारत के लोगों ने संविधान सभा में संविधान को अपनाया। इस दिन अपनाए गए संविधान में प्रस्तावना, 395 अनुच्छेद व 8 अनुसूचियां थी। संविधान के शेष प्रावधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किए गए। इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है। सन् 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण सवराज दिवस‘ मनाया गया था। इसी तरह भारतीय संविधान सभा अंतर्कालीन संसद के रूप में परिवर्तित हो गयी। और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया। 

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निष्कर्ष

इस तरह पहली बार 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस (26 January ko kya hua tha) मनाया गया। 21 तोपों की सलामी के साथ समारोह में राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया। 

FAQs

Q. संविधान का तीसरा वाचन कब हुआ था?

ANS. 14 नवंबर, 1949 से शुरू हुआ और 26 नवंबर 1949 में समाप्त हुआ

Q. भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?

ANS. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

Q. गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?

ANS. 26 जनवरी

Q. प्रारूप समिति का गठन कब हुआ?

ANS. 29 अगस्त, 1947

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