Communalism Meaning in Hindi भारत के सन्दर्भ में शब्द साम्प्रदायिकता का प्रयोग विशेषतः विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच अलगाव व वैमनस्य के भाव को अभिव्यक्त करता है। साम्प्रदायिकता अपने ही जातीय समूह के प्रति न कि समग्र समाज के प्रति तीव्र निष्ठा की भावना है। आगे जानते है साम्प्रदायिकता की परिभाषा क्या है इसके कारण दुष्परिणाम क्या है?
साम्प्रदायिकता क्या है? (Communalism Meaning in Hindi)
सम्प्रदायवाद या साम्प्रदायिकता का अर्थ है दो समुदायों में विद्यमान विद्वेष, तनाव, संदेह अथवा संघर्ष के भाव को व्यक्त करना। इस प्रकार का विद्वेष अथवा तनाव धर्म, भाषा अथवा प्रजाति के तत्वों पर आधारित होता है। कही न कही यह भावना नकारात्मकता को बढ़ावा देती है, जो राष्ट्रीय एकता में भी बाधक है।
सम्प्रदायवाद का अर्थ है मेरा सम्प्रदाय, मेरा पंथ, मेरा मत ही सबसे अच्छा है। उसी का महत्व सर्वोपरि होना चाहिए। दूसरे सम्प्रदाय मेरे अधीन रहे, मेरे आदेशों का पालन करे। उनके अनुसार, अपने धार्मिक सम्प्रदाय से भिन्न अन्य सम्प्रदाय अथवा सम्प्रदाय के प्रति उदासीनता, उपेक्षा, घृणा, विरोध और आक्रमण की भावना साम्प्रदायिकता है, जिसका आधार वह काल्पनिक भय या आशंका है कि उक्त सम्प्रदाय हमारे अपने सम्प्रदाय, संस्कृति को नष्ट कर देने या हमें जान-माल की क्षति पहुँचाने के लिए कटिबद्ध है।
श्रीकृष्ण भट्ट के अनुसार
साम्प्रदायिकता की विशेषताएँ (Communalism in Hindi)
- इसमें यह भाव विद्यमान होता है कि अपना ही धर्म श्रेष्ठ है, अपनी ही भाषा एवं संस्कृति श्रेष्ठ है।
- साम्प्रदायिकता में अन्य धर्मों, भाषाओँ एवं संस्कृतियों के प्रति घृणा, तिरस्कार व अपेक्षा के भाव पाए जाते है। ये विरोधाभाव ही सांप्रदायिक तनाव एवं संघर्ष पैदा करते है।
- यह रुढ़िवादी भावना पारस्परिक स्नेह एवं सहयोग के स्थान पर सामाजिक एवं राजनीतिक अलगाव पैदा करती है।
- साम्प्रदायिकता का आधार एक सम्प्रदाय का यह भय है कि अन्य सम्प्रदाय उन्हें नष्ट कर देंगे।
इस प्रकार साम्प्रदायिकता समाज की सुख शांति को भंग करती है व समाज में तनाव और संघर्ष पैदा करती है।
साम्प्रदायिकता के मुख्य कारण क्या है? (Reason of Communalism in Hindi)
- भौगोलिक कारण
- मनोवैज्ञानिक कारण
- रीती-रिवाज व प्रथाओं का पृथक-पृथक होना
- उचित विधानों का आभाव
- राजनीतिक कारण
साम्प्रदायिकता के दुष्परिणाम
- राष्ट्रीय एकता के मार्ग में बाधक ।
- देश में आन्तरिक कलह व दंगे होना।
- सांप्रदायिक दंगों व उपद्रवों के कारण जन-धन को अपार हानि होना।
- आर्थिक विकास अवरुद्ध होना।
- राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न होना।
- इस भावना के कारण सामाजिक व सांस्कृतिक विघटन पैदा होता है। विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों व संस्कृतियों के लोग परस्पर मिल नहीं पाते और पृथकता के भाव बने रहते है।
दूर करने के उपाय
- परस्पर संपर्क बढ़ाना।
- राष्ट्रीय इतिहास का प्रचार।
- सांप्रदायिक दलों को हतोत्साहित किया जाना चाहिए।
- स्वस्थ जनमत का निर्माण ।
- नैतिक शिक्षा का प्रचार प्रसार।
- असामाजिक तत्वों के साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
निष्कर्ष
इस लेख में हमनें साम्प्रदायिकता की भावना और उसकी परिभाषा (Communalism Meaning in Hindi) के बारें में जाना। इस भावना के अनुसार समाज के विभिन्न समुदायों के स्वार्थ परस्पर भिन्न है और कभी-कभी उनमें पारस्परिक विरोध भी होता है। उम्मीद करते है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी, इसे पाने दोस्तों के साथ शेयर करे। लेख कैसा लगा कमेंट में ज़रूर बताएं।
साम्प्रदायिकता से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
ANS. सम्प्रदायवाद या साम्प्रदायिकता का अर्थ है दो समुदायों में विद्यमान विद्वेष, तनाव, संदेह अथवा संघर्ष के भाव को व्यक्त करना।
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