Lok Sabha : लोकसभा की विशेष शक्तियाँ  

Lok Sabha लोकसभा यानि लोगों की सभा (House of the People)। संसद का निम्न सदन होता है लोकसभा। वर्तमान में 17वीं लोकसभा चल रही है। लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्ष होता है लेकिन आपातकाल की स्थिति में इसे संसद द्वारा बढ़ाया जा सकता है।

आइये जानते है इसी तरह के लोकसभा से जुड़े और भी तथ्य –

लोकसभा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts about Lok Sabha in Hindi)

  • लोकसभा के सदस्य प्रत्यक्ष बहुमत के आधार पर जनता द्वारा चुने जाते है।
  • संविधान के अनुच्छेद 81 के अनुसार लोकसभा में अधिकतम सदस्य 552 हो सकते है।
  • 1973 में हुए 31वें संविधान संशोधन में लोकसभा सदस्यों की संख्या 525 से बढ़ाकर 545 कर दी गई थी।
  • लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष श्री गणेश वासुदेव मावलंकर थे।
  • गणेश वासुदेव मावलंकर 15 मई, 1952 से 27 फरवरी, 1956 तक पद पर रहे थे।
  • लोकसभा का सदस्य बनने के लिए कम से कम 25 वर्ष की आयु पूर्ण होना आवश्यक है।
  • लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अलग से अपने पद की शपथ ग्रहण नहीं करते। वे केवल लोकसभा सदस्य के रूप में ही शपथ ग्रहण करते है।
  • आपातकाल की स्थिति में लोकसभा का कार्यकाल संसद द्वारा बढ़ाया जा सकता है लेकिन एक बार में एक महीना ही बढ़ाने का अधिकार है।

लोकसभा अध्यक्ष कौन होता है? (Lok Sabha Speaker)

  • लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा का प्रमुख पीठासीन अधिकारी होता है।
  • लोकसभा सदस्यों द्वारा अपने में से ही अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाता है।
  • अध्यक्ष को सदस्य अपने पद से हटा भी सकते है।
  • लोकसभा के भंग हो जाने पर भी अध्यक्ष अगली लोकसभा की बैठक के पहले तक पद पर बना रहता है।
  • उपाध्यक्ष का चुनाव भी सदस्य अपने में ही बहुमत के आधार पर करते है।
  • अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष बैठकों की अध्यक्षता करता है।

प्रोटेम स्पीकर कौन होता है? (Who is Protem Speaker in Hindi)

लोकसभा के आम चुनाव के बाद गठित लोकसभा की पहली बैठक की अध्यक्षता करने हेतु राष्ट्रपति नवगठित लोकसभा के वरिष्ठतम सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाता है। लोकसभा का यह कार्यवाहक अध्यक्ष ही प्रोटेम स्पीकर कहलाता है। प्रोटेम स्पीकर के कार्य है –

  • यह लोकसभा के सभी निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है।
  • प्रोटेम स्पीकर स्थाई अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया का संचालन करता है।
  • सदन द्वारा अध्यक्ष का निर्वाचन हो जाने पर प्रोटेम स्पीकर का पद स्वतः ही खत्म हो जाता है।

लोकसभा की विशेष शक्तियाँ (Special Power of Lok Sabha in Hindi)

ये शक्तियां केवल लोकसभा को ही प्राप्त है राज्यसभा को नहीं। लोकसभा की विशेष शक्तियां निम्न है –

  • धन विधेयक या वित्त विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है।
  • धन विधेयक लोकसभा द्वारा पारित होने के बाद राज्यसभा केवल उस पर अनुशंसा कर सकती है, जिसे लोकसभा चाहे तो स्वीकार करे या अस्वीकार।
  • राज्यसभा को यह धन विधेयक अधिकतम 14 दिन में पारित कर लोकसभा को पुनः लौटाना होता है।
  • केन्द्रीय मंत्रीपरिषद केवल लोकसभा के लिए उत्तरदायी होती है, राज्यसभा के प्रति नहीं।
  • मंत्रीपरिषद के प्रति अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में ही लाया जा सकता है।

निष्कर्ष 

उपरोक्त लेख में हमने जाना कि लोकसभा का अध्यक्ष और प्रोटेम अध्यक्ष (Lok Sabha) कौन होते है? और लोकसभा की विशेष शक्तियों के बारें में। लोकसभा और राज्यसभा के बारें में अधिक जानकारी के लिए देखे🔻

संघीय व्यवस्थापिका (लोकसभा व राज्यसभा) 

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