Sindhu Nadi Tantra : सिन्धु नदी का उद्गम स्थान, सहायक नदियाँ, पंचनद 

Sindhu Nadi Tantra हिमालय अपवाह तंत्र को तीन भागों में बांटा गया है – गंगा अपवाह तंत्र, सिन्धु अपवाह तंत्र और ब्रह्मपुत्र अपवाह तंत्र। इस लेख में हम सिन्धु अपवाह तंत्र के बारें में जानेंगे और साथ ही ये भी जानेंगे की पंचनद में आने वाली नदियों के नाम क्या है? सबसे पहले समझते है नदी के अपवाह तंत्र को –

अपवाह तंत्र (Drainage System)

जिस निश्चित मार्ग से नदी बहती है उसे ‘अपवाह क्षेत्र’ कहते है। नदियाँ जब अपनी सहायक नदियों के साथ एक पानी  का एक जाल बनाती है उसे ‘अपवाह तंत्र’ कहते है। नदियों में उद्गम के आधार पर 3 अपवाह तंत्र है –

  • हिमालय अपवाह तंत्र 
  • प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र 
  • अन्तः स्थलीय अपवाह तंत्र 

इस लेख में हम हिमालय अपवाह तंत्र के एक प्रकार सिन्धु नदी तंत्र के बारें में जानेंगे-

सिन्धु नदी अपवाह तंत्र (Sindhu Nadi Tantra)

सिंधु तथा उसकी सहायक नदियाँ इस अपवाह तंत्र का निर्माण करती है। इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य निम्न है –

  • यह अपवाह तंत्र भारत में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमचल प्रदेश में स्थित है।
  • एशिया की सबसे बड़ी नदी घाटियों में से एक है सिन्धु नदी जिसका क्षेत्रफल 11,65,000 वर्ग किमी है।
  • इसकी कुल लम्बाई 2880 किलोमीटर है, भारत में इसकी लम्बाई 1114 किलोमीटर है।
  • सिन्धु नदी भारत में हिमालय की सबसे पश्चिमी नदी है।
  • इस नदी का उद्गम कैलाश के पर्वतीय क्षेत्र में बोखर चू ग्लेशियर से होता है।
  • यह दर्दिस्तान क्षेत्र में चिलास के पास से पाकिस्तान में प्रवेश करती है।
  • तिब्बत में सिन्धु नदी को ‘सिंगी खंबन’ या ‘शेर का मुंह’ कहा जाता है।
  • यह नदी दमचोक नमक स्थान से भारत में प्रवेश करती है और पाकिस्तान में अटक नामक स्थान से मैदानों में प्रवेश करती है।
  • सिन्धु नदी भारत में जास्कर और लद्दाख श्रेणी के बीच बहने वाली नदी है।
  • पाकिस्तान के करांची में डेल्टा बनाते हुए सिन्धु नदी अरब सागर में गिर जाती है।
  • लेह सिन्धु नदी के किनारे बसा हुआ है।

सिन्धु नदी की सहायक नदियाँ (Sindhu Nadi Tributaries)

सबसे प्राचीन नदी घाटी सभ्यता जिसे हम सिन्धु सभ्यता के नाम से जानते है वह इसी नदी के आस-पास बसी हुई थी। इस नदी की सहायक नदियाँ निम्न है – 

दायें हाथ की सहायक नदियाँ 

श्योक हुनजा गिलगित स्वात 
काबुल गोमल कुनाल झोब 

बाएं हाथ की सहायक नदियाँ 

झेलम चिनाब रावी व्यास 
सुरु सुन जास्कर सतलुज 

पंचनद में कौन-कौनसी नदियाँ शामिल है?

पंचनद यानि पांच नदियों का समूह। पंजाब की पांच नदियों को पंचनद का नाम दिया गया है। जिनके नाम है – झेलम, रावी, चिनाब, व्यास और सतलुज। ये पांचों नदियाँ सिन्धु नदी से पाकिस्तान के मिठानकोट नामक स्थान पर मिलती है। आइये इन पांचों नदियों को विस्तार से जानते है –

झेलम नदी 

  • इस नदी का उद्गम जम्मू-कश्मीर की बेरीनाग झील से होता है।
  • वुलर झील जो की भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है उसका निर्माण इसी नदी के द्वारा किया जाता है।
  • श्रीनगर इस नदी के किनारे बसा हुआ है, यह नदी भारत पाकिस्तानकी अंतर्राष्ट्रीय सीमा का निर्माण करती है।
  • इस नदी की कुल लम्बाई 725 किलोमीटर है।
  • सुखनाग, किशनगंगा कुनहार इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ है।
  • झेलम नदी का प्राचीन नाम ‘वितस्ता’ है।
  • तुलबुल परियोजना जो कि एक नौवहन परियोजना है इसी नदी पर स्थित है।

रावी नदी 

  • पांचों नदियों में सबसे छोटी नदी है, यह अमृतसर और गुरदासपुर की सीमा बनाती है।
  • इस नदी की कुल लम्बाई 720 किमी. है।
  • रावी नदी का प्राचीन या कहे ऋग्वैदिककालीन नाम ‘परुष्णी’ है।
  • पंजाब में रावी नदी पर थीन परियोजना स्थित है जिसे ‘रणजीत सागर’ परियोजना के नाम से भी जाना जाता है।
  • रावी नदी का उद्गम स्थल रोहतांग दर्रे के पास व्यासकुंड हिमाचल प्रदेश से है।
  • हिमाचल प्रदेश में इस नदी पर चमेरा बाँध बनाया गया है।

चिनाब नदी (Sindhu Nadi Tantra ki Sbse Badi Sahayak Nadi)

  • हिमाचल प्रदेश के बारालाचा दर्रे से दक्षिण में चंद्र और उत्तर में भागा नाम की नदियाँ बहती है, इन्ही नदियों के मिलने से चिनाब का निर्माण होता है।
  • दुलस्ती, सलाल, बगलीहार जल विद्युत परियोजनाएं जम्मू-कश्मीर में इसी नदी पर बनाई गयी है।
  • सिन्धु नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी चिनाब ही है।
  • चिनाब नदी की कुल लम्बाई 960 किलोमीटर है।

सतलुज नदी 

  • तिब्बत में राक्षसताल झील से सतलुज नदी का उद्गम माना गया है।
  • तिब्बत में इस नदी को ‘लांगचेन खंब’ कहते है।
  • भारत में यह नदी शिपकिला दर्रे से प्रवेश करती है।
  • राजस्थान की जीवन रेखा इंदिरा गाँधी नहर में पानी का मुख्य स्त्रोत यही नदी है।
  • सतलुज नदी की कुल लम्बाई 1500 किमी. है।
  • हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर नाथपा झाकड़ी परियोजना स्थित है।
  • पंजाब और हिमाचल की सीमा पर भाखड़ा नांगल बाँध भी इसी नदी पर स्थित है।
  • पाकिस्तान के फज़िल्का में बहती हुई बहावलपुर के पास यह चिनाब नदी में मिल जाती है।

व्यास नदी 

  • ऋग्वैदिक कालीन व्यास नदी का पौराणिक नाम विपाशा है। 
  • हिमचल प्रदेश के रोहतांग से इस नदी का उद्गम होता है, यह कुल्लू घाटी से कांगड़ा घाटी होते हुए पंजाब में प्रवेश करती है।
  • कुल्लू, मनाली जैसे पर्यटन स्थल व्यास नदी के किनारे ही बसे हुए है।
  • हिमाचल प्रदेश में इस नदी पर पोंग बाँध स्थित है जिससे महाराणा प्रताप सागर जलाशय का निर्माण होता है।
  • व्यास नदी हरिके नामक स्थ्याँ पर सतलुज नदी से मिलती है।

निष्कर्ष 

आशा करते है आपको सिन्धु नदी (Sindhu Nadi Tantra) से जुड़ी जानकारी पसंद आई होगी। इस तरह की जानकारी के लिए हमसे इसी तरह जुड़े रहिए। सिन्धु नदी से जुड़े कुछ प्रश्न निम्न है –

FAQs (Sindhu Nadi Tantra Important Questions)

Q. पंचनद क्या है?

ANS. पांच नदियों का समूह है पंचनद जिसमे शामिल है चिनाब, झेलम, व्यास, सतलुज, रावी

Q. सिन्धु नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?

Q. सिन्धु नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?

शेयर करे !

Leave a Comment