जंतर मंतर वेधशाला, जयपुर 

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सवाई जयसिंह द्वारा पांच खगोलीय वेधशालाओं का निर्माण किया गया।

जयपुर के अलावा उज्जैन, बनारस, मथुरा, दिल्ली में भी वैधशालाए बनवाई गयी।

2010 में जन्तर मंतर को यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया।

जंतर मंतर विश्व धरोहर की सूची में शामिल होने वाला राजस्थान का पहला और भारत का 28वां स्मारक है।

आज भी जंतर मंतर के सभी यंत्रों का उपयोग कर जयपुर का पंचांग तैयार किया जाता है।

दुनिया की सबसे बड़ी पत्थर की सूर्य घड़ी यहीं मौजूद है।