Types of Soil in Hindi भारत विविधताओं का देश है। यहाँ कई प्रकार की मिट्टियाँ पायी जाती है और हर मिट्टी की अपनी विशेषता है। भारत में मिट्टियों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् ने 8 भागों में बांटा है। मृदा के बारें में अध्ययन पेडॉलॉजी (Pedology) कहलाता है। आइये जानते है मिट्टी के प्रकारों के बारें में –
भारत में मिट्टी के कितने प्रकार है? (Types of Soil in Hindi)
जलोढ़ मिट्टी
- यह मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है। यह मिट्टी नदियों के डेल्टा और नदी घाटियों में पाई जाती है।
- इस मिट्टी में चूने की मात्रा अधिक और नाइट्रोजन व फास्फोरस की मात्रा अधिक होती है।
- इस मिट्टी का रंग राख के रंग सा होता है।
- इस मिट्टी के मुख्य क्षेत्र है – सिन्धु – गंगा – ब्रह्मपुत्र का मैदान व समुद्र तटीय क्षेत्र।
- इस मिट्टी के क्षेत्र को अनाज का कटोरा कहा जाता है।
- इस मिट्टी में होने वाली मुख्य फसलें है – आलू, गेंहूँ, गन्ना और दलहन।
काली मिट्टी
- भारत में पाई जाने वाली महत्वपूर्ण मृदा है जिसका रंग गहरा काला और स्लेटी जैसा होता है।
- यह मिट्टी दक्कन के पठार पर पायी जाती है।
- कपास की खेती के लिए काली मिट्टी सही मानी जाती है।
- इसमें चूना, लोहा और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। लेकिन नाइट्रोजन की कमी होती है।
- इस मिट्टी के मुख्य क्षेत्र है – मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्रप्रदेश।
- इस मिट्टी को ‘कपास वाली काली मिट्टी’, रेगुर, करेल नाम से भी जाना जाता है।
लाल व पीली मिट्टी
- इस मिट्टी में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी होती है लेकिन लोहा और एल्युमिनियम की अधिकता होती है।
- लाल व पीली मिट्टी के प्रमुख क्षेत्र उड़ीसा और छत्तीसगढ़ है।
- लाल व पीली मिट्टी मुख्यतः आग्नेय चट्टानों से प्राप्त होती है।
- मुख्य फसलें है – रागी और ज्वार।
लैटेराईट
- जहाँ तापमान अधिक होता है और अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में यह मिट्टी पाई जाती है।
- यह मिट्टी कृषि के लिए ज्यादा उपजाऊ नहीं होती है क्योंकि इसमें लोहे के ऑक्साइड और एल्युमिनियम के यौगिक पाए जाते है।
- यह कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और असम के पहाड़ी क्षेत्रों में मिलती है।
- इस मिट्टी में चाय, काजू , रबर की खेती की जाती है।
शुष्क और मरुस्थलीय मिट्टी
- यह मिट्टी बहुत कम उपजाऊ होती है। इसमें नमी की कमी होती है वहीँ लवण और फास्फोरस की अधिकता होती है।
- यह मिट्टी मुख्यतः पश्चिमी राजस्थान के क्षेत्र, उत्तरी गुजरात और हरियाणा के दक्षिण में पाई जाती है।
लवणीय मिट्टी
- लवणीय मिट्टी पश्चिमी गुजरात और सुंदरबन में पायी जाती है।
- इस मिट्टी में सोडियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में होता है
- लवणीय मिट्टी की लवणता की समस्या से निपटने के लिए जिप्सम का प्रयोग किया जाता है।
पर्वतीय मिट्टी (Types of Soil in Hindi)
- यह अम्लीय मिट्टी होती है जो कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक के पर्वतीय क्षेत्र में पाई जाती है।
- इसमें होने वाली मुख्य फसलें है – नाशपती, चाय, सेब आदि।
पीट मिट्टी
- पीट मिट्टी कार्बनिक पदार्थो से बनती है।
- यह भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है।
- पीट मिट्टी को ‘कारी’ भी कहा जाता है।
भारत की मिट्टी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Interesting Facts about Soil in Hindi)
- मिट्टी का पीला रंग मैग्नीशियम की अधिकता के कारण होता है।
- मृदा निर्माण का अध्ययन करने को पिडोजिनिसीस (Pedogenesis) कहा जाता है।
- जिप्सम को क्षारीय मृदा सुधारक कहा जाता है।
- फ़लों को शीघ्र पकाने में फास्फोरस का इस्तेमाल किया जाता है।
निष्कर्ष
इस पोस्ट के माध्यम से हमनें संक्षिप्त में Types of Soil in Hindi बताने की कोशिश की है। आशा करते है की यह पोस्ट आप सभी अभ्यर्थियों के लिए सहायक सिद्ध हो। अगर आपको हमारा लेख पसंद आया है तो इसे शेयर करे और कमेंट में सुझाव भी दे सकते है।
FAQs
Q. सबसे उपजाऊ मिट्टी कौनसी है?
ANS. जलोढ़ मिट्टी सबसे उपजाऊ मिट्टी मानी जाती है।
Q. फलों को पकाने में क्या इस्तेमाल किया जाता है?
ANS. जिप्सम का इस्तेमाल फलों को पकाने में होता है।
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