Aarakshan kya hai : वर्तमान में किस वर्ग को कितना आरक्षण प्राप्त है?

Aarakshan kya hai संविधान के भाग 16 में अनुसूचित जाती और जनजाति के आरक्षण का प्रावधान किया गया है। भारत में आरक्षण व्यवस्था कई दशकों पुरानी है। इस व्यवस्था को लेकर मतभेद चलता ही आ रहा है। देश में एक मत यह है कि यह व्यवस्था ख़त्म हो जानी चाहिए। वहीं दूसरा मत यह भी कहता है कि अगर इस व्यवस्था को हटाया गया तो नुकसान देश के गरीब तबके को उठाना होगा। 

तो आइये जानते है इसी व्यवस्था के बारें में कि भारत में आरक्षण व्यवस्था लागू कब हुई और वर्तमान में किस वर्ग को कितना आरक्षण प्राप्त है?

आरक्षण क्या होता है? (Aarakshan kya hai)

आरक्षण शब्द का शाब्दिक अर्थ है किसी चीज़ को सुरक्षित रखना या संरक्षण देना। भारत के संविधान में आरक्षण धर्म, जाति और लिंग के आधार पर दिए है। भारत के संविधान में दो तरह की आरक्षण प्रणाली है पहली क्षैतिज और दूसरी उर्ध्वाधर। 

  • क्षैतिज आरक्षण  –  अनुच्छेद 15(3) में क्षैतिज आरक्षण की बात कही गई है। 
  • उर्ध्वाधर आरक्षण  –  अनुच्छेद 15(4) में उर्ध्वाधर आरक्षण की बात कही गई है। 

क्षैतिज आरक्षण में महिलाओं, विकलांग, ट्रांसजेंडर और बड़े-बुजुर्गों को आरक्षण दिया गया है। वहीं उर्ध्वाधर आरक्षण में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया गया है। 

भारत में आरक्षण का इतिहास (Aarakshan ka Itihas)

भारत के इतिहास को झांककर देखे तो जाति व्यवस्था देखने को मिलेगी। यही ऊँची जाति, नीची जाति की भावना आरक्षण लागू करने का मुख्य कारण बनी है। ऐसे पिछड़े वर्ग जिनके साथ भेदबाव होता आया है उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए यह कदम उठाया गया। 

आरक्षण का विचार सबसे पहले 1882 में हुए हंटर आयोग की नियुक्ति में किया गया। 1908 में अंग्रेजों ने प्रशासन में कुछ प्रतिशत आरक्षण की शुरुआत की। फिर भारत सरकार अधिनियम 1935 में आरक्षण का प्रावधान किया गया। 1942 में डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा मांग राखी गई कि अनुसूचित जाति को सरकारी नौकरी और शिक्षा में अवसरों में आरक्षण दिया जाए। यह विचार रखने का मुख्य कारण यह था कि समाज के सभी वर्गों को समान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिल सके। 

1947 में जब भारत आज़ाद हुआ इसके बाद कई संशोधन हुए, संविधान सभा में आरक्षण को लेकर बहस भी छिड़ी। 1991 में मंडल आयोग की सिफारिशों पर ओबीसी को आरक्षण दिया गया। इस आयोग द्वारा फैसला दिया गया था कि 52 प्रतिशत ओबीसी जनसंख्या है इसलिए 27 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित रखी जानी चाहिए। 

वर्तमान आरक्षण नीति (Aarakshan kya hai)

भारत में आरक्षण 10 साल के लिए लागू किया गया था किन्तु समय बीतता गया और सरकारें इसकी अवधि को भी आगे बढ़ाती चली गई। वर्तमान में तो आरक्षण जैसे राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति का साधन बन गया है। भारत में पिछड़े वर्ग को यानि OBC को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति को 7.5 प्रतिशत तक आरक्षण दिया गया है। 2019 में हुए 103वें संविधान संशोधन में सामान्य वर्ग के वो लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर है उन्हें 10 प्रतिशत तक आरक्षण दिया गया है। 

निष्कर्ष 

देश में आरक्षण (Aarakshan kya hai) का मुद्दा युवाओं में आक्रोश का कारण बन रहा है। इससे निपटने के लिए आवश्यक है कि आरक्षण की नीतियों में सुधार किया जाए और इसके नियमों को और भी कड़ा किया जाए। यह सब इसलिए भी आवश्यक है कि आज के समय में ऐसे कई केस हम देख रहे है जहाँ आरक्षण का गलत इस्तेमाल हो रहा है। सरकार आरक्षण की नीतियों पर पुनर्विचार कर और क्रीमी लेयर को इससे बाहर करके शायद ज़रूरतमंद वर्ग को इसका लाभ दे पाए।

FAQs

Q. Gen का आरक्षण कितना है?

ANS. जनरल को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है

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