Casteism Meaning in Hindi : जातिवाद क्या है, कारण और उन्मूलन के उपाय

Casteism Meaning in Hindi जातिवाद क्या है? क्या यह प्रजातंत्र के लिए एक अभिशाप है? जातिवाद की उत्पत्ति का कारण क्या है? और इसके परिणाम क्या हो सकते है? और आखिर इसे समाज से दूर कैसे किया जा सकता है? आइये जानते है इन सब सवालों के जवाब-

जातिवाद क्या है (Casteism Meaning in Hindi)

अपनी जाति के प्रति भावना रखने को जातिवाद नहीं कहा जा सकता। जाति की भावना तब जातिवाद बनती है जब उसमें और अन्य जातियों में छोटा-बड़ा होने की तथा दूसरी जाति के विरुद्ध जाकर अपनी जाति के स्वार्थों की चिंता करने की प्रवृति जुड़ जाती है। जातिवाद द्वारा जाति के आधार पर ऊँच-नीच की भावना को प्रश्रय दिया जाता है। इस भावना से जहाँ एक और कुछ लोगों के स्वार्थ सिद्ध होते है वहीं दूसरी और यह देश के लिए एक बड़ा अभिशाप भी है। जानते है इसके उत्पन्न होने के कारण क्या है

“जातिवाद एक ऐसी उच्च, अंध तथा सर्वोच्च समूह भक्ति है जो न्याय, औचित्य, समानता और विश्व बंधुत्व जैसे स्वस्थ समाजिक मानकों की उपेक्षा करती है।”

काका कालेकर

क्या कारण है जातिवाद के (Reason of Casteism in Hindi)

  • जातीय प्रतिष्ठा की एकांकी भावना – देखिये जातिवाद के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण तो यही है कि प्रत्येक जाति के लोग अपनी ही जाति की प्रतिष्ठा को बढ़ाना चाहते है। और जाति की प्रतिष्ठा इसी बात से बनी रह सकती है कि प्रत्येक सुविधा से अपने ही लोगों को लाभ देकर उनकी सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाया जाए। इसी से जातिवाद बढ़ता है।
  • राजनीति – प्रजातंत्र में जातिवाद को वोट प्राप्त करने का एक माध्यम बनाया गया है। इस तरह राजनीति ने भी कही न कहीं इसे बढ़ावा दिया है।
  • नगरीकरण – नगरीकरण के कारण प्रत्येक नगर में जातीय संगठन बनने लगे जो अपनी जाति के लोगों की स्वार्थपूर्ति में लगे हुए है इससे जातिवाद को बल प्रदान हुआ है।
  • वैवाहिक प्रतिबन्ध – जाति प्रथा के अंतर्गत दूसरी जाति में विवाह करने में प्रतिबन्ध है। प्रत्येक जाति का अपना एक वैवाहिक समूह है और इस समूह में प्रत्येक सदस्य किसी न किसी रूप से आपस में जुड़ा है तो इसी जुड़ाव के कारण वे एक-दूसरे के हितों का ध्यान रखते है और यही ध्यान जातिवाद का कारण बन जाता है।
  • जातियों का विभेदीकृत विकास – कुछ जातियों के पास आर्थिक और राजनीतिक शक्तियाँ है तो कुछ इन सबसे वंचित है। इस स्थिति में जातियों के मध्य कटुता बढ़ती है जो जातिवाद को और प्रोत्साहित करती है।

जातिवाद के परिणाम (Consequences of Casteism in Hindi)

इस समस्या के कुछ परिणाम निम्नलिखित है –

  • राष्ट्रीय विकास में बाधा – एक तरफ इस भावना से भारतीय समाज अनेक भागों में बंटा है वहीँ दूसरी और देश के विभिन्न भागों में इससे ज़बरदस्त तनाव भी है। इन सबसे सामुदायिक भावना संकुचित होती जा रही है और यही विकास में बाधा का कारण भी है।
  • नैतिक पतन – जातिवाद की भावना व्यक्ति को पक्षतापूर्ण व्यवहार करने को प्रेरित करती है। इससे नैतिकता का पतन हो रहा है।
  • प्रजातंत्र में बाधा – नेता जातिवाद से राजनीति का लाभ उठाते है और वो इसमें सफल भी हो जाते है। लेकिन इससे कभी-कभी ऐसे व्यक्ति का चुनाव हो जाता है जो सिर्फ जाति के हितों का ही ध्यान रखता है। उन जाति हितों के आगे सामान्य हितों को कुचल दिया जाता है। अतः जातिवाद की राजनीति भी प्रजातंत्र के लिए घातक है।

जातिवाद को कम कैसे किया जा सकता है?

इस समस्या को कम करने या जड़ से खत्म करने के लिए सरकारी, गैर सरकारी और हर आम इंसान द्वारा प्रयत्न किया जाना आवश्यक है। जातिवाद के लिए किये जानें वाले मुख्य प्रयास निम्न है –

  • उचित शिक्षा – उचित शिक्षा हर समस्या का समाधान है। शिक्षा की ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जो बच्चों के मन में जात-पात की भावना पैदा न करे और और इस भावना के विरुद्ध स्वस्थ जनमत पनप सके।
  • अंतर्जातीय विवाह भी एक उपाय हो सकता है। इस विवाह से दो भिन्न जाति के परिवारों में निकटता बढ़ेगी और जींस में भी विविधताएं देखने को मिलेगी।
  • जातिवाद की समस्या से छुटकारा पाने के लिए क्षेत्रीय और प्रांतीय संगठनों पर रोक लगा दी जानी चाहिए। क्योंकि यही संगठन इस भावना को उभारने में कहीं न कहीं उत्तरदायी है।
  • सांस्कृतिक एकीकरण को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है।
  • सबसे पहले तो इस जाति शब्द का इस्तेमाल ही कम किया जाना चाहिए जिससे छोटे-छोटे बच्चों के मन में इसका कोई अवशेष ना रहे और ऐसी कोई हीन भावना उनके मन में न पनपे।

इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है समान आर्थिक विकास से। जब समाज में सभी को आगे बढने के समान अवसर प्रदान किये जायेंगे तो शायद जातिवाद कम हो सके।

निष्कर्ष

उपर्युक्त लेख में हमने आपको जातिवाद (Casteism Meaning in Hindi) की समस्या के बारें में संक्षिप्त में बताने का प्रयास किया है। उम्मीद करते है आपको इसके कारण परिणाम समझ आए होंगे। जानकारी को अपने मित्रों के साथ शेयर कर इसके समाधान में एक योगदान दीजिये।

FAQs

Q. जातिवाद के दुष्परिणाम है?

ANS. जातीय संघर्ष, भ्रष्टाचार, सामाजिक समस्याओं का उदय।

सामान्य ज्ञान से संबंधित अधिक जानकारी के लिए यह भी देखे – CLICK HERE

शेयर करे –

Leave a Comment