Causes of Communalism जैसा कि हम सभी जानते है साम्प्रदायिकता का मतलब है दो गुटों में विद्यमान द्वेष, तनाव और संघर्ष का भाव। इस भावना से देश में अशांति ओ तनाव उत्पन्न होता है। इससे बचने के लिए ज़रूरी है कि देश में समान कानून व्यवस्था हो, अल्प्सख्यकों की दशा में सुधार हो।
आगे जानते है कि साम्प्रदायिकता के कारण क्या है और कौन-कौनसे ऐसे उपाय है जो अपनाकर इस तनाव से बचा जा सकता है।
साम्प्रदायिकता के कारण (Causes of Communalism in Hindi)
सम्प्रदायवाद या साम्प्रदायिकता के मुख्य कारण निम्न है –
भौगोलिक कारण
साम्प्रदायिकता का एक मुख्य कारण भौगोलिक है। जहाँ-जहाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समुदाय है वहाँ उनमें सामूहिक तनाव अधिक है। उनमें समूहवाद की भावना घर कर जाती है। परिणामस्वरूप उनके स्वयं के समूह में तो सहयोग और आत्मीयता की भावना पाई जाती है किन्तु अन्य समूह के प्रति द्वेष, घृणा के भाव होते है। यही भाव है जो साम्प्रदायिकता को जन्म देते है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की हर जगह ऐसा ही है बल्कि कुछ-कुछ ऐसे स्थान या बस्तियां या मोहल्ले देश में है जहाँ सभी समुदाय मिल-जुल कर रहते है।
मनोवैज्ञानिक कारण (Causes of Communalism)
जब-जब हिन्दू-मुस्लिम सम्प्रदायों में परस्पर घृणा और द्वेष होता है तभी देश में साम्प्रदायिक दंगे भड़क जाते है। यह समस्या प्राचीन काल से चली आ रही है। इन दोनों में सम्प्रदायों में परस्पर प्रतिकार, विरोध और पृथक्करण के भाव देखने को मिलते है जो कि कहीं न कहीं गलत है।
ऐतिहासिक कारण
इतिहास के पन्नो पर गौर किया जाए तो अनेक मुस्लिम शासकों ने हिन्दुओं पर अत्याचार किये। औरंगजेब और अन्य मुसलमान शासकों ने जबरन कई लोगों को मुसलमान बनाया। यह भी एक बड़ा कारण है की हिन्दुओं के मन में मुस्लिम सम्प्रदाय के प्रति घृणा पैदा हुई। मुस्लिम लीग की मांग ने ही देश के टुकड़े किये। और यही विभाजन सांप्रदायिक तनाव का कारण बना।
रीति-रिवाज़ व प्रथाओं का पृथक-पृथक होना
देश में सभी सम्प्रदायों के अपने रीती-रिवाज है। यह रीती-रिवाज एक दूसरे से बिलकुल पृथक है जो सम्प्रदायों में परस्पर मेल-जोल में बाधा पहुंचाते है। यह सांस्कृतिक भेद मनमुटाव व तनाव पैदा करता है और सम्प्रदायों में अलगाव की स्थिति रहती है।
उचित विधानों का अभाव
सम्पूर्ण भारत में विभिन्न सम्प्रदायों के लिए समान कानूनों के अभाव में सामाजिक व सांस्कृतिक दूरी बनी रहती है और वे परस्पर एक नहीं हो पाते।
गलत दिशा-निर्देश
धार्मिक अंधविश्वास का पालन करने एवं धर्मगुरुओं द्वारा गलत दिशा-निर्देश के कारण भी साम्प्रदायिक तनावों में वृद्धि हुई है।
राजनीतिक कारण (Political Causes of Communalism)
साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने में समाज विरोधी तत्वों एवं निहित स्वार्थ वालों व नेताओं का भी महत्वपूर्ण हाथ है।
साम्प्रदायिकता दूर करने के उपाय (Causes of Communalism)
देश में से साम्प्रदायिकता की भावना को दूर कर शांति स्थापित की जा सकती है। इस भावना को समाज से दूर करने के उपाय निम्न है –
- परस्पर सम्पर्क को बढ़ाना
साम्प्रदायिक तनावों के मनोवैज्ञानिक कारणों को दूर करने क विभिन्न समुदायों में परस्पर संपर्क बढ़ाने की ज़रूरत है। गाँव-गाँव और शहर-शहर में ऐसे संगठन बनाए जाने चाहिए जिनमें सभी सम्प्रदायों के युवक एकत्रित होकर साथ में विभिन कार्यक्रमों में भाग ले सके। इससे सम्प्रदायों के बीच आपसी विश्वास और सहिष्णुता बढ़ेगी।
- राष्ट्रीय इतिहास का प्रचार
साम्प्रदायिकता के तनाव को दूर करने के लिए यह ज़रूरी है कि इतिहास के उन पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जहाँ हिन्दू-मुसलमान ने मिलकर राष्ट्रोत्थान के लिए प्रयास किया। इससे राष्ट्रीय भावना भी बढ़ेगी और तनावों का ऐतिहासिक कारण भी दूर होगा।
- राष्ट्रीय त्योहारों को प्रोत्साहन
देश में ऐसा माहौल तैयार किया जाना चाहिए कि सभी सम्प्रदाय मिलकर होली, दिवाली, ईद आदि त्योहारों को मनाए। ऐसे समारोह का आयोजन किया जाएँ जिसमें सभी सम्प्रदाय मिलकर भाग ले सके। यह प्रयास भी कहीं न कहीं इस तनाव को कम करेगा।
- स्वस्थ जनमत का निर्माण
पत्र-पत्रिकाओं, भाषणों तथा रेडियो कारणों के द्वारा देश में असाम्प्रदयिकता का प्रचार-प्रसार कर स्वस्थ जनमत तैयार किया जाना चाहिए। साम्प्रदायिक पत्र-पत्रिकाओं को गैर कानूनी घोषित कर देना चाहिए।
साम्प्रदायिकता को दूर करने के राजनीतिक उपाय
- किसी भी राजनीतिक दल को धार्मिक आधार पर घृणा और वैमनस्य फ़ैलाने की स्वतंत्रता नहीं दी जानी चाहिए।
- साम्प्रदायिकता के आधार पर लड़े चुनावों को अवैध घोषित किया जाना चाहिए।
- ग्राम स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक नेताओं द्वारा समाज और देश के हित को प्रधानता देते हुए प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।
- साम्प्रदायिक दलों को हतोत्साहित किया जाना चाहिए और सरकार की ओर से इन दलों की कार्यवाही पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए।
- सम्पूर्ण देशवासियों के लिए एक जैसा कानून बनाया जाना चाहिए जिससे पारस्परिक भेदभाव समाप्त हो और एकता को बल मिले।
निष्कर्ष
उक्त लेख में हमने जाना कि साम्प्रदायिकता की भावना (Causes of Communalism) किस प्रकार देश को नुकसान पहुंचा रही है और इसे दूर करने के लिए कौन-कौनसे प्रयास लोगों द्वारा और सरकार द्वारा किए जा सकते है। देखिए किसी भी सामाजिक समस्या के समाधान में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है इसलिए नैतिक शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
महत्वपूर्ण प्रश्न
ANS. धार्मिक असहिष्णुता, साम्प्रदायिक संगठन, सांस्कृतिक भिन्नता।
ANS, साम्प्रदायिकता की भावना से आपकी भाईचारा ख़त्म होता है और सम्प्रदायों में द्वेष, वैमनस्य की भावना पैदा होती है
शेयर करे –