Chambal nadi udgam sthal : चम्बल नदी और उसकी सहायक नदियाँ

Chambal nadi udgam sthal कुछ नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती है तो कुछ अरब सागर में। भारत का नदी तंत्र सबसे बड़ा है। यहाँ बहने वाली नदियों में प्रमुख है चम्बल नदी। इस नदी को ‘चर्मवती नदी’ के नाम से भी जाना जाता है। इस लेख में हम इसी नदी के बारे में विस्तार से जानेंगे।

चम्बल नदी का इतिहास (Chambal nadi ka ithas)

भारत की सबसे प्राचीन नदियों में से एक है चम्बल नदी। इस नदी का उल्लेख महाभारत और कालिदास के मेघदूत में भी मिलता है। प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार एक राजा हुआ करता था रंतिदेव। रंतिदेव ने चम्बल नदी के किनारे अनेकों यज्ञ किए थे। उसके यज्ञों के कारण ही चम्बल नदी प्रकट हुई थी। महाभारत के अनुसार इस नदी के किनारे सहदेव ने दक्षिण विजय यात्रा का एक युद्ध लड़ा था।

चम्बल नदी का उद्गम स्थल कहाँ है? (Chambal nadi udgam sthal)

चम्बल नदी विन्ध्याचल रेंज की जनापाव पहाड़ी से निकलती है। इस नदी का उद्गम मानपुर के नजदीक मऊ जिला मध्यप्रदेश से होता है। यह नदी राजस्थान में चौरासीगढ़ (चित्तौड़) से प्रवेश करती है। चम्बल नदी चित्तौड़गढ़, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली होते हुए मुरादगंज, इटावा में यमुना में मिल जाती है।

लम्बाई कितनी है चम्बल नदी की? (Chambal nadi length)

चम्बल नदी की कुल लम्बाई 966 किलोमीटर है। चर्मवती नदी की राजस्थान में लम्बाई 370 किलोमीटर तक है। इस नदी का कुल प्रवाह क्षेत्र 19,500 वर्ग किमी. है। राजस्थान में चम्बल का अपवाह क्षेत्र 20.90 प्रतिशत तक है।

Chambal nadi udgam sthal
Chambal nadi udgam sthal

चम्बल घाटी परियोजना (Chambal Ghati Pariyojna)

राजस्थान में चम्बल घाटी परियोजना की शुरुआत 1953 में हुई थी। यह परियोजना राजस्थान और मध्यप्रदेश का संयुक्त उपक्रम है जिसमें 50 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान वहीं 50 प्रतिशत मध्य प्रदेश के पास है। इस नदी परियोजना से लाभान्वित होने वाले छः जिले है – कोटा, बूंदी, चित्तौड़, करौली, धौलपुर और सवाई माधोपुर। चम्बल नदी पर नदी परियोजना के अंतर्गत निम्न बाँध बनाए गए है –

  • गांधीसागर बाँध
  • राणा प्रताप सागर
  • जवाहर सागर बाँध
  • पीपलाद लिफ्ट कैनाल परियोजना
  • इंदिरा गाँधी नहर परियोजना
  • राहू घाट जल विद्युत परियोजना
  • कोटा बैराज

चम्बल नदी की सहायक नदियाँ (Tributaries of Chambal River in Hindi)

यमुना की सहायक नदी है चम्बल। चम्बल की प्रमुख सहायक नदियाँ है – आहू, परवन, बनास, चाकन, कुरल, कालीसिंध, मेज, बामनी, आलनिया और शिप्रा आदि।

चम्बल नदी के तथ्यों पर एक नज़र (Chambal Nadi Facts in Hindi)

  • चम्बल नदी को ‘सदानीरा’, ‘कामधेनु’, ‘नित्यवाही’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • अन्य नाम है – ‘सर्वाधिक सतही जल वाली नदी’, ‘राज्य की सबसे लम्बी नदी’, और ‘वर्ष भर बहने वाली नदी’।
  • चम्बल नदी अवनालिका अपरदन हेतु प्रसिद्ध है।
  • यह नदी दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर बहती है।
  • इस नदी पर मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश राज्य की सीमा पर एक अभयारण्य स्थित है – चम्बल घड़ियाल अभयारण्य।
  • विश्व की एकमात्र ऐसी नदी है जिसमें 150 किमी. के दायरे में तीन बाँध है।

निष्कर्ष

उपरोक्त लेख में हमने चम्बल नदी (Chambal Nadi Udgam Sthal) के बारें में संक्षिप्त में जाना। चम्बल नदी में मिट्टी के कटाव के कारण बीहड़ का निर्माण हुआ। ये बीहड़ करौली, धौलपुर और सवाई माधोपुर में देखे जा सकते है। सवाल यह आता है की बीहड़ क्या होते है? तो बीहड़ मिट्टी के कटाव से बनी एक उबड़-खाबड़ ज़मीन है। इन बीहड़ों में खेती नहीं की जा सकती है।

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