DPSP in Hindi नीति निदेशक तत्व लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना एवं शांतिपूर्ण माहोल की प्राप्ति में सहायक है। नीति निदेशक तत्व न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय और वादयोग्य नहीं है। इनके क्रियान्वयन के लिए न्यायालय की शरण नहीं ली जा सकती है। भारत के संविधान में नीति निदेशक तत्वों को आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
आइये जानते है नीति निदेशक तत्व क्या है? इनका प्रावधान किस अनुच्छेद में और कौनसे भाग में है? और प्रमुख नीति निदेशक तत्व कौनसे है?

नीति निदेशक तत्व क्या है? (DPSP in Hindi)
संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से अनुच्छेद 51 तक राज्य के नीति निदेशक तत्वों की बात की गई है। ये वे आदर्श है जो समाज के कल्याण में सहायक है। मूल अधिकार और नीति निदेशक तत्व को एक ही रथ के दो पहिए कहा जा सकता है क्योंकि ये दोनों ही सामाजक और आर्थिक प्रजातंत्र के निर्माण में सहायक है।
प्रमुख नीति निदेशक तत्व
आइये जानते है महत्वपूर्ण नीति निदेशक तत्वों के बारें में विस्तार से –
- अनुच्छेद 38 – राज्य लोक कल्याण के लिए आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय देने वाली व्यवस्था बनाएगा और उसका संरक्षण के लोक कल्याण की अभिवृद्धि का प्रयास करेगा।
- अनुच्छेद 39 – राज्य अपनी नीति का संचालन निम्न को सुनिश्चित करने के लिए करेगा – A) सभी नागरिकों को जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त हो। B) धन और उत्पादन के साधनों के स्वामित्व का प्रबंध इस तरह करना की उससे जनता का हित हो। C) पुरुषों और स्त्रियों को समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था। D) पुरुषों एवं स्त्रियों के स्वास्थ्य का ध्यान और बालकों को अपनी आयु और शक्ति के प्रतिकूल आर्थिक रूप से विवश होकर रोजगार में ना जाना पड़े। E) बालकों और अल्पव्यय व्यक्तियों का शोषण न हो ये ध्यान रखा जाए।
- अनुच्छेद 40 – राज्य ग्राम पंचायतों के गठन हेतु कदम उठाएगा और उन्हें स्वायत्त शासन की इकाई के रूप में कार्य करने की शक्तियां प्रदान करेगा।
- अनुच्छेद 41 – राज्य अपने आर्थिक सामर्थ्य के हिसाब से काम, शिक्षा और रोजगार उपलब्ध करवाने और बीमारी में सहायता प्रदान करने का प्रयास करेगा।
- अनुच्छेद 42 – राज्य महिला कामगारों को प्रसूति सहायता प्रदान करेगा।
- अनुच्छेद 43 – राज्य सभी कर्मचारियों को काम, मजदूरी और उचित कार्यदशाएं सुनिश्चित करने और ग्रामों में कुटिर उद्योगों को बढावा देने का कार्य करेगा।
- अनुच्छेद 44 – पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) बनाने का प्रयास करेगा।
DPSP in Hindi
- अनुच्छेद 45 – 14 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रयास करेगा।
- अनुच्छेद 46 – राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और समाज के अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और आर्थिक हितों की रक्षा करेगा।
- अनुच्छेद 47 – राज्य नागरिकों के पोषाहार एवं जीवन स्तर को ऊँचा करने और लोक स्वास्थ्य को सुधरने का प्रयास करेगा।
- अनुच्छेद 48 – राज्य कृषि और पशुपालन को आधुनिक एवं वैज्ञानिक प्रणालियों से संगठित करने और पशुओं की नस्लों को सुधारने और पशु वध को रोकने का प्रयास करेगा।
- अनुच्छेद 49 – राज्य राष्ट्रीय महत्व की इमारतों, ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण करेगा।
- अनुच्छेद 50 – राज्य लोक सेवाओं में न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक करने के कदम उठाएगा।
- अनुच्छेद 51 – अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाये रखेगा और अंतर्राष्ट्रीय विवादों को मध्यस्थता द्वारा निपटाने का प्रयास करेगा।
अतः संविधान में उल्लेखित सभी नीति निदेशक तत्व कल्याणकारी राज्य की स्थापना और शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की प्राप्ति में सहायक है।
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड क्या है?
अनुच्छेद 44 के अनुसार देश के सभी नागरिकों के लिए समान काननों व्यवस्था होगी। गोवा भारत का ऐसा राज्य है जहाँ पुर्तगालियों के समय से ही समान नागरिक संहिता लागू है।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने आपको नीति निदेशक तत्वों को संक्षिप्त में बताने का प्रयास किया है। आशा करते है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी और आपके सारे प्रशों के उत्तर आपको मिले होंगे। जानकारी को लोगों तक शेयर करे और कोई त्रुटी लगने पर हमसे संपर्क भी कर सकते है।
FAQs
ANS. भाग 4 में नीति निदेशक तत्वों को बताया गया है।
Q. ग्राम पंचायतों के गठन की बात किस अनुच्छेद में कही गई है
ANS. अनुच्छेद 40 में ग्राम पंचायत के गठन को बताया गया है।
ANS. समान नागरिक संहिता (uniform civil code) का उल्लेख अनुच्छेद 44 में है।
ANS. नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy) को आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
ANS. Directive Principles of State Policy
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