Dwarka History in Hindi द्वारका शब्द का अर्थ है प्रवेश द्वार। द्वारका चार धामों में से एक धाम है। इसे मोक्षपुरी, द्वारकावती के नाम से भी जाना जाता है। यह पुराने समय में द्वारका गुजरात की राजधानी हुआ करता था। आइये जानते है द्वारका का इतिहास क्या है और यह कैसे नष्ट हुई इससे जुड़ी कुछ बातें –
द्वारका : एक परिचय (Dwarka Introduction in Hindi)
- नगर द्वारका काठियावाड़ प्रदेश में स्थित है।
- 2011 की जनगणना के अनुसार द्वारका की जनसंख्या 38873 थी और साक्षरता प्रतिशत 75.94 प्रतिशत था।
- भारत में सबसे प्राचीन सात नगर है (द्वारका, मथुरा, काशी, हरिद्वार, अवंतिका, कांची, अयोध्या) उनमें से एक है द्वारका।
- विष्णुपुराण में द्वारका नगरी के समुद्र में समाने का उल्लेख है।
द्वारिका का इतिहास (Dwarka History in Hindi)
द्वारिका गोमती नदी के किनारे और कच्छ की खाड़ी के मुहाने पर बसा है। पुराणों, महाकाव्यों के अनुसार द्वारका को भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बसाया गया था। भगवान कृष्ण अपनी पटरानी रुकमनी जी के साथ यहीं रहा करते थे। यह गुजरात की पहली राजधानी थी। द्वारका के प्रारंभिक इतिहास की बात करे तो यहाँ 574 ई.पू. राजा वरहदास का शासन था। मध्यकाल में सन् 1241 में मोहम्मद शाह के आक्रमण से यहाँ के बहुत से मंदिर क्षतिग्रस्त हुए। इसके बाद गुजरात के ही शासक महमूद बेगड़ा ने 1473 में द्वारका को लूटा और सब कुछ तहस-नहस कर दिया। इसके बाद 1857 के भारतीय विद्रोह में अंग्रेजों ने द्वारका, जामनगर, बड़ोदरा के लोगों पर अत्याचार किया। लोगों के विद्रोह को देख अंग्रेजों ने राजाओं के साथ मिलकर मन्दिरों का जीणोद्धार करवाया।
बेट द्वारका कहाँ है? (Where is Bet Dwarka in Hindi)
अरब सागर और कच्छ की खाड़ी में स्थित एक द्वीप है बेट द्वारका, जिसे शंखोधर के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि श्रीकृष्ण का निवास स्थान बेट द्वारका ही है। बेट द्वारका में कृष्ण भगवान के 5 बड़े-बड़े महल है और द्वारिकाधीश मन्दिर भी यहीं स्थित है। यहाँ पूर्व की दिशा में टीले पर हनुमान मन्दिर है जिसे हनुमान जी के टीले के नाम से जाना जाता है।
द्वारकाधीश मन्दिर
- यह मन्दिर जगत मन्दिर के नाम से जाना जाता है।
- किवदंतियों के अनुसार यह मन्दिर लगभग 2500 साल पुराना है और यह मन्दिर भगवान के निवास स्थान पर ही बना हुआ है।
- वर्तमान में जो द्वारकाधीश मन्दिर है इसका निर्माण 15-16 शताब्दी में महाराजा जगत सिंह राठौड़ द्वारा करवाया गया था।
- इस मन्दिर में 72 स्तम्भ और 5 मंजिलें है जिसके गर्भगृह में भगवान विराजमान है।
द्वारका कैसे नष्ट हुई?
1963 में पुरातत्व विभाग और गुजरात सरकार द्वारा पहली बार द्वारका नगरी की खुदाई करवाई गई। समुद्र के अंदर से 3 हज़ार साल पुराने बर्तन और कुछ तांबे के सिक्के और बड़ी इमारतों के होने के प्रमाण मिले है। द्वारका से सिन्धु और हड़प्पाकालीन सभ्यता के अवशेष भी मिले है। कुछ वैज्ञानिक अनुमान लगाते है कि द्वारका समुद्र तट के किनारे स्थित है और इसके डूबने का कारण सुनामी हो सकता है। कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कृष्ण की मृत्यु के बाद द्वारका को समाप्त कर दिया गया था। लेकिन वास्तविक कारणों की खोज अभी भी जारी है। पुरातात्विक विशेषज्ञ बताते है कि यहाँ समुद्र में जो विशाल नगर है, जो मन्दिर के अवशेष है, वे सभी 9000 साल पुराने है। द्वारका से प्राप्त अवशेषों की कार्बन डेटिंग से पता चला है कि द्वारका 6 बार डूबी है।
श्रीकृष्ण की द्वारका से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts About Dwarka in Hindi)
- आदि शंकराचार्य द्वारा चार पीठों की स्थापना की गई उनमें से एक पीठ है शारदा पीठ जो कि द्वारका में स्थित है।
- द्वारका दो है – बेट द्वारका और गोमती द्वारका। द्वारका के दक्षिण में एक तालाब है जिसे गोमती तालाब कहा जाता है, इसी के नाम पर इसे गोमती द्वारका नाम दिया गया।
- द्वारका के पश्चिम में एक तालाब है जिसे गोपी तालाब कहा जाता है। इस तालाब के सतह की मिट्टी पीली है जिसे लोग चन्दन की तरह अपने सिर पर लगाते है। इसलिए इसे ‘गोपी चन्दन’ भी कहा जाता है।
FAQs
ANS. अरब सागर में आज भी ऐतिहासिक द्वारका के अवशेष मिले है।
ANS. द्वारका नगर गुजरात राज्य में स्थित है
ANS. द्वारका हिन्दुओं का पवित्र तीर्थ स्थल है, इसे भगवान कृष्ण द्वारा बसाया गया
ANS. द्वारिकावती, मोक्षपुरी
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