Interim Government 1946 भारत में अंतरिम सरकार का बनना ब्रिटिश भारत की स्वतंत्रता की तरफ एक मजबूत कदम था। शुरुआत में मुस्लिम लीग इस सभा के चुनाव में हिस्सा लेने को तैयार नहीं था किन्तु बाद में वह राज़ी हो गया। इसके बाद ही क्लेमेंट एटली द्वारा केबिनेट मिशन को भारत भेजा गया और सरकार के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया। आइये जानते है अंतरिम सरकार कैसे बनी?
संविधान सभा और केबिनेट मिशन
भारतीय संविधान का निर्माण व अंतरिम सरकार बनाने का कार्य 1946 में केबिनेट मिशन योजना के अंतर्गत किया गया। संविधान सभा का गठन केबिनेट मिशन के प्रावधानों के अनुसार किया गया। इस सभा का गठन अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों की विधानसभाओं द्वारा नवंबर, 1946 में किया गया।
संविधान सभा के सदस्यों का चयन (Interim Government 1946)
- संविधान सभा में 389 सदस्य (292 ब्रिटिश प्रान्तों के प्रतिनिधि + 4 चीफ कमीश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि + 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि) थे।
- प्रान्तों का प्रतिनिधित्व मुख्यतः मुस्लिम, सिक्ख व साधारण जनसंख्या के आधार पर विभाजित किया गया था।
- संविधान सभा के गठन के लिए राज्य की विधानसभाओं का उपयोग निर्वाचन मंडल के रूप में किया गया था।
- यह सभा अप्रत्यक्ष निर्वाचन का परिणाम थी न कि सार्वभौम वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष विधि का।
- सभी को मताधिकार प्राप्त नहीं था, कर संपति और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर मताधिकार प्रदान किया गया था।
- यह सभा कई समितियों के माध्यम से कार्यरत थी।
भारत की पहली अंतरिम राष्ट्रीय सरकार (Interim Government 1946 in Hindi)
पंडित जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व में भारत की पहली अंतरिम राष्ट्रीय सरकार का गठन 24 अगस्त 1946 को किया गया। लॉर्ड वेवेल ने 24 अगस्त को पंडित नेहरु को अंतरिम मंत्रीमंडल के गठन के लिए आमंत्रित किया। इस आमंत्रण के फलस्वरूप 2 सितम्बर, 1946 को नेहरु ने 14 सदस्यीय अंतरिम मंडल का गठन किया। जो कि निम्न है –
नाम | विभाग |
---|---|
जवाहरलाल नेहरु | कार्यकारी परिषद् के उपाध्यक्ष, विदेशी मामले व राष्ट्रमंडल सम्बन्ध |
वल्लभ भाई पटेल | गृह, सूचना तथा प्रसारण |
बलदेव सिंह | रक्षा |
डॉ. जॉन मथाई | उद्योग तथा आपूर्ति |
सी. राजगोपालाचारी | शिक्षा |
सी. एच. भाभा | खान तथा बंदरगाह |
डॉ. राजेंद्र प्रसाद | खाद्य एवं कृषि |
आसफ अली | रेलवे |
जगजीवन राम | श्रम |
लियाकत अली खां | वित्त |
अब्दुल रब नश्तर | संचार |
जोगेंद्र नाथ मंडल | विधि |
गजांतर अली खां | स्वास्थ्य |
आई. आई. चुन्द्रिकर | वाणिज्य |
संविधान सभा की महिला सदस्य
गठन के बाद संविधान सभा में 15 महिला सदस्य भी थी जिनके नाम है –
क्र. सं. | सभा की महिला सदस्य |
1. | अम्मू स्वामीनाथन |
2. | दक्षिनानी वेलायुधन |
3. | बेगम एजाज़ रसूल |
4. | दुर्गाबाई देशमुख |
5. | हंसा जीवराज मेहता |
6. | कमला चौधरी |
7. | लीला राय |
8. | मालती चौधरी |
9. | पूर्णिमा बेनर्जी |
10. | राजकुमार अमृत कौर |
11. | रेणुका रे |
12. | सरोजिनी नायडू |
13. | सुचेता कृपलानी |
14. | विजय लक्ष्मी पंडित |
15. | एनी मास्करिन (देशी रियासतों की महिला प्रतिनिधि) |
निष्कर्ष
उपरोक्त लेख में बताया गया 14 सदस्यीय मंत्रीमंडल एक पुनर्गठित मंत्रीमंडल है। उस समय हुए संविधान सभा के चुनावों में आठ प्रान्तों में कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किए थे। इस लेख का उद्देश्य भारत के पहले मंत्रीमंडल की जानकारी प्रदान करना था। उम्मीद करते है यह जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी।
यह भी पढ़े –
शेयर करे