Jallianwala Bagh Hatyakand : इतिहास का काला दिन

Jallianwala Bagh Hatyakand ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों की स्वतंत्रता को समाप्त करने का हर सफल प्रयास किया। कहीं-कहीं वह इस प्रयास में सफल भी हुए लेकिन उनके विरुद्ध चले आन्दोलनों को वे रोक नहीं पाए। ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना भारत से व्यापार के लिए की गई थी। भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की शुरुआत बक्सर के युद्ध से मानी जाती है। इन सभी के भयावह नतीजे देखने को मिले उनमें से एक था जलियांवाला बाग़ हत्याकांड। सबसे पहले ये जानते है की यह ऐसी स्थिति पैदा हुई क्यों? इसका क्या कारण था?

रोलेट एक्ट क्या था? 

  • सरकार द्वारा 19 मार्च, 1919 को रौलेट अधिनियम (Anarchical and Revolutionary Crimes Act, 1919) पारित किया गया। 
  • भारतीयों ने इसे ‘काला कानून’ की संज्ञा देकर इसका कड़ा विरोध किया। 
  • गांधीजी ने 6 अप्रैल, 1919 को सम्पूर्ण भारत में हड़ताल करने की घोषणा की। 
  • हिंसात्मक घटनाएं होने के कारण गांधीजी ने इसे ‘एक महान हिमालयन भूल’ की संज्ञा दी। 
  • गांधीजी ने 18 अप्रैल, 1919 को इस हड़ताल को निलंबित कर दिया। 

रोलेट एक्ट के विरोध का क्या कारण था?

  • इस अधिनियम के विरोध का मुख्य कारण अंग्रेजो की क्रूर नीतियाँ थी। 
  • इस एक्ट में पुलिस को बिना वारेंट कही भी तलाशी लेने का अधिकार था। 
  • यहाँ तक कि गिरफ्तारी होने पर कानूनी सहायता के चुनाव करने की अनुमति भी नहीं थी। 
  • इस एक्ट में सभी राजनेता और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया था। इन पर मुकदमा चलाने के लिए 3 न्यायाधीशों की एक ट्रिब्यूनल थी। 

परिणाम क्या रहे रोलेट एक्ट के? (Jallianwala Bagh Hatyakand)

रोलेट एक्ट का परिणाम यह हुआ कि पूरे देश में अहिंसा फ़ैल गई, हड़ताले हुई। मदनमोहन मालवीय, महात्मा गाँधी सभी ने इसके प्रति अपना विरोध प्रदर्शन किया। इस सत्याग्रह में गाँधी जी को होमरूल लीग का समर्थन मिला। 

होमरूल लीग क्या थी? ((Jallianwala Bagh Hatyakand))

स्वशासन प्राप्त करने के उद्देश्य से 28 अप्रैल, 1916 को बाल गंगाधर तिलक की होमरूल लीग की स्थापना की गई। पूना में इसकी स्थापना की गई। मद्रास होमरूल लीग की स्थापना श्रीमती एनी बिसेंट द्वारा 1 सितंबर 1916 को की गई। 

जलियांवाला बाग़ हत्याकांड (Jallianwala Bagh Hatyakand)

  • जलियांवाला बाग अमृतसर पंजाब में स्थित है। 
  • जलियांवाला बाग़ में लोग रोलेट एक्ट के लिए विरोध प्रकट करने एकत्र हुए थे। 
  • सरकार द्वारा दो प्रमुख नेताओं डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
  • इसी का विरोध करने के लिए 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में एक सभा आयोजित की गई थी। 
  • इस शांतिपूर्ण सभा पर बिना चेतावनी दिए अपने 90 ब्रिटिश सैनिकों को जनरल डायर ने गोलियां चलाने का आदेश दे दिया। 
  • इस नरसंहार में सेकड़ों लोगों की जाने गई और हजारों लोग घायल हुए, मरने वालों में एक 6 सप्ताह का बच्चा भी था। 
  • इस दिन को इतिहास का काला दिन कहा गया। 
  • 1997 में जब महारानी एलिज़ाबेथ अपनी अंतिम भारत यात्रा पर आई तो उन्होंने जलियांवाला बाग़ जाके शहीदों को श्रद्धांजलि दी और इतिहास की इस घटना पर दुःख प्रकट किया। 

निष्कर्ष 

इस लेख के माध्यम से हमनें आपको Jallianwala Bagh Hatyakand को समझानें का प्रयास किया है। उम्मीद करते है कि यह लेख आपको पसंद आएगा। जानकारी अच्छी लगे तो इसे शेयर करे और कोई त्रुटी होने पर हमसे सम्पर्क भी कर सकते है। 

FAQs 

Q. 13 अप्रैल, 1919 को क्या हुआ था?

ANS. जलियांवाला बाग़ हत्याकांड

Q. मद्रास होमरूल लीग की स्थापना किसके द्वारा की गई?

ANS. श्रीमती एनी बिसेंट द्वारा 1 सितंबर 1916 को

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