Mahajanpad Kal : 16 महाजनपद, वर्तमान शहर जहाँ ये जनपद थे

Mahajanpad Kal भारतीय इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण रहा है आठवीं शताब्दी से छठी शताब्दी का समय। क्योंकि इस समय अनेक राजवंश थे जो अपनी जगह बना रहे थे। वैदिक काल में हमें महाजनपदों का उल्लेख देखने को मिलता है। महाजनपद का अर्थ यहाँ बड़ी भौगोलिक ईकाइयों से है। आइये जानते है इनके बारें में विस्तार से –

महाजनपद काल से क्या आशय है? (Mahajanpad Kal)

बौद्ध ग्रन्थ के अंगुत्तर निकाय में 16 महाजनपदों का उल्लेख मिलता है जिनका काल आठवीं शताब्दी ई.पू. से छठी शताब्दी ई.पू. तक माना जाता है। ये महाजनपद थे – अंग, मगध, काशी, कौशल, वज्जी, मल्ल, चेदी, वत्स, कुरु, पांचाल,मत्स्य, शूरसेन, अश्मक, अवन्ती, गांधार, कम्बोज।

महाजनपद काल की विशेषताएं

  • लोहे का प्रचुर मात्रा में प्रयोग ही इस काल में विकास का प्रमुख कारण था। यह काल द्वितीय नगरीकरण का काल था।
  • महाजनपद काल के प्रमुख नगर चंपा, राजगृह, वैशाली, वाराणसी, साकेत और कौशाम्बी थे।
  • इस काल में विनिमय प्रणाली के रूप में मुद्राओं की शुरुआत हुई और यह मुद्राएँ आहत मुद्राएँ कहलाती थी।
  • अधिकांश जनपदों में राजतंत्रात्मक व्यवस्था थी लेकिन निम्न जनपदों में गणतंत्रात्मक व्यवस्था के प्रमाण मिले है- वैशाली या कुशीनारा के मल्ल और कपिलवस्तु के शाक्य।
  • यह काल धार्मिक क्रांति के लिए भी जाना जाता है। इसी समय में महावीर स्वामी (599ई.पू.-527ई.पू.) तथा गौतम बुद्ध (563ई.पू.-483ई.पू.) द्वारा क्रमशः जैन धर्म व बौद्ध धर्म का प्रवर्तन किया।

16 महाजनपद और उनकी राजधानियाँ (Mahajanpad Kal Capital)

क्र. सं.महाजनपद राजधानी वर्तमान शहर जहाँ ये जनपद थे
1.अंग चंपा बिहार के मुंगेर और भागलपुर जिलों में फैला हुआ था।
2.मगध राजगृह बिहार के गया और पटना जिलों में गंगा और सोन नदी के दक्षिण में विंध्य पर्वत के किनारे।
3.काशी वाराणसी वर्तमान वाराणसी और उसके आस-पास के 36 मील तक का क्षेत्र।
4.कौशल श्रावस्ती उत्तरप्रदेश का अवध क्षेत्र, अयोध्या और फैजाबाद का ईलाका।
5.वज्जि वैशाली गंगा नदी के उत्तर में नेपाल की पहाड़ियों तक बिहार में वैशाली का क्षेत्र।
6.मल्ल कुशीनारा बिहार के पटना जिले के पास कुशीनगर एवं पावा क्षेत्र में व उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले में फैला था।
7.चेदी शक्तिमती यमुना के किनारे बुंदेलखंड एवं झाँसी का क्षेत्र।
8.वत्स कौशाम्बी गंगा नदी के दक्षिण में इलाहबाद से 38 मील दूर का क्षेत्र।
9.कुरु इन्द्रप्रस्थ दिल्ली, मेरठ और गाज़ियाबाद के आस-पास का क्षेत्र।
10.पांचाल काम्पिल्य गंगा,यमुना के मध्य में, रूहेलखंड, रामपुर बरेली बदायूं एवं फरुखाबाद जिले।
11.मत्स्य बैराठ राजस्थान का करौली, भरतपुर और अलवर का बैराठ क्षेत्र।
12.शूरसेन मथुरा मथुरा, वृन्दावन एवं आस-पास का क्षेत्र।
13.अश्मक पोतन दक्षिण में गोदावरी नदी के तट पर फैला दोनों ओर का क्षेत्र।
14.अवन्ती उज्जैन दक्षिण में वर्तमान मालवा एवं नर्मदा नदी तक उत्तर में ग्वालियर तक फैला हुआ था।
15.कम्बोज राजपुर जम्मू-कश्मीर, अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान तक फैला था।
16.गांधार तक्षशिला पश्चिमोत्तर सीमा के देश जो आज भारत में नहीं है, इसमें पेशावर और रावलपिंडी जिले शामिल थे।

निष्कर्ष (Conclusion)

उपरोक्त लेख में हमने महाजनपद काल की विशेषताएं (Mahajanpad Kal) और 16 महाजनपद के बारें में संक्षिप्त में बताने का प्रयास किया है। अगर आप भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे है तो यह जानकारी परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अपने मित्रों के साथ शेयर करे और जानकारी कैसी लगी ज़रूर बताएं। सामान्य ज्ञान की अधिक जानकारी के लिए हमसे जुड़ें।

महाजनपद काल से जुड़े प्रश्न (Mahajanpad Kal MCQs in Hindi)

Q. बौद्ध ग्रन्थ के अनुसार अंगुत्तर निकाय में कितने महाजनपदों का उल्लेख मिलता है?

ANS. 16

Q. चंपा नगर किस महाजनपद की राजधानी थी?

ANS. अंग

Q. सबसे बड़ा महाजनपद कौनसा है?

ANS. मगध महाजनपद

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