Poverty in Hindi : निर्धनता से आशय, अनुपात भारत में ग़रीबी के कारण

Poverty in Hindi निर्धनता की समस्या युगों-युगों से मानव सभ्यता व संस्कृति का एक अभिन्न अंग रही है। प्रारंभ में मनुष्य रोटी, कपड़ा व मकान जैसी बुनियादी आवश्यकताओं के लिए प्रकृति पर निर्भर था। धीरे-धीरे औद्योगिक विकास और सामाजिक संगठन का विकास हुआ और मनुष्य अपने लिए वस्त्र और भोजन का उत्पादन करने लगा।

Poverty in Hindi
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एक अच्छे जीवन के लिए मनुष्य ने अनेक वस्तुओं का निर्माण किया, परन्तु इस सामाजिक और आर्थिक प्रगति का लाभ समाज के सभी वर्गों को समान रूप से नहीं मिला और यह समाज बंट गया दो वर्गों में – धनी और निर्धन।आइये आगे विस्तार से जानते है की निर्धनता क्या है? इसका मापन कैसे होता है? भारत में निर्धनता या ग़रीबी के कारण क्या है?

निर्धनता से क्या आशय है? (Poverty in Hindi)

ग़रीबी या निर्धनता वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी न्यूनतम बुनियादी आवश्यकताओं जैसे रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य और भोजन आदि को भी पूरा नहीं कर पाता है। इसका मुख्य कारण रोजगार के अवसर में कमी को माना जा सकता है। लार्ड बोयेड द्वारा 1945 में पहली बार ग़रीबी की अवधारणा को पेश किया गया था। भारत में निर्धनता का मापन दो आधार पर किया जाता है – 1) न्यूनतम कैलोरी उपभोग 2) प्रति व्यक्ति प्रतिमाह व्यय। योजना आयोग जो वर्तमान में नीति आयोग है, ने ग़रीबी रेखा का आधार कैलोरी ऊर्जा को माना है। निर्धन लोगों को दो भागों में बांटा है –

  • निर्धनता रेखा से नीचे (Below Poverty Line / BPL) – वे लोग है, जिनके पास न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी धन नहीं है। ऐसे लोगों को निर्धन कहा जा सकता है।
  • निर्धनता रेखा से ऊपर (Above Poverty Line / APL) – वे लोग जो न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति या उससे अधिक धन कमाने और खर्च करने की क्षमता रखते है। ऐसे लोगों को निर्धन नहीं कहा जाता है।

निर्धनता अनुपात (Poverty Ratio in Hindi)

निर्धनता अनुपात ग़रीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों की संख्या का उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से अनुपात है। इसे ‘Head Count Ratio’ भी कहा जाता है।

Poverty in Hindi

भारत में निर्धनता के कारण (Causes of Poverty in Hindi)

भारत में निर्धनता के लिए निम्न कारणों को उत्तरदायी माना गया है-

  • भारत में प्राकृतिक व मानवीय संसाधन पर्याप्त मात्रा में होते हुए भी पूंजी की कमी के कारण उनका प्रयोग नहीं हो पाता।
  • रोजगार के साधनों का अभाव अथवा बेरोजगारी और अल्प्रोजगार की दशाओं का पाया जाना।
  • जनसंख्या में तीव्र वृद्धि। विकास होने के बाद भी जनसंख्या की अधिकता के कारण प्रति व्यक्ति आय कम रहती है और न्यूनतम आवश्यकताएँ भी पूरी नहीं हो पाती।
  • अंधविश्वास, रूढ़िवादिता के कारण उत्पादन में वृद्धि नहीं हो पाती फलस्वरूप निर्धनता कायम रहती है।
  • आर्थिक विकास के फल का वितरण सब लोगों में समान रूप से नहीं हो पाता है जिससे जनसंख्या का बड़ा भाग निर्धन है।
  • विकास की धीमी दर के परिणामस्वरुप रोजगार के अवसर घटे और आय में वृद्धि में भी गिरावट आई है।
  • विभिन्न ग़रीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में आपसी समन्वय की कमी के कारण इनका वांछित लाभ नहीं मिल पाया है।
  • छोटे किसानों को बीज और उर्वरक जैसी कृषि सामग्री की खरीदारी के लिए धनराशि की ज़रुरत होती है अतः वे ऋण लेते है। निर्धनता के कारण वे पुनः भुगतान करने में असमर्थ होते है और ऋणग्रस्त हो जाते है। यही निर्धनता का कारण भी है और परिणाम भी।

ग़रीबी दूर करने के उपाय

देश से ग़रीबी मिटाने के लिए निम्न प्रयास है जो सरकार द्वारा किए जा सकते है-

  • ग्रामीण विकास की विशेष योजनायें लाना और शहरी विकास के विशेष कार्यक्रम आयोजित करना।
  • सरकारी नीतियों का कुशल संचालन।
  • वितरण व्यवस्था में सुधार।
  • बचत और निवेश में वृद्धि और जनसंख्या का नियंत्रण।
  • देश में उपलब्ध संसाधनों का पूर्ण उपयोग।
  • औद्योगिक विकास जिससे रोजगार में वृद्धि हो।

निष्कर्ष

धनी लोग आर्थिक दृष्टि से संपन्न और राजनीतिक दृष्टि से शक्तिशाली और सामाजिक दृष्टि से उच्च है। परन्तु आम लोग आर्थिक दृष्टि से गरीब और राजनीतिक दृष्टि से दबे हुए है। भारत में निर्धनता की परिभाषा उचित जीवन स्तर की अपेक्षा न्यूनतम जीवन स्तर को प्राप्त करने पर बल देती है। उपरोक्त लेख में हमने ग़रीबी क्या है (Poverty in Hindi) इसके बारें में विस्तार से जाना। जानकारी को अपने मित्रों के साथ शेयर करे और देश की समस्याओं के प्रति जागरूकता फ़ैलाने में भागीदार बने।

FAQs

Q. समाज में निर्धनता के दुष्प्रभाव है?

ANS. अपराध, भिक्षावृति और चारित्रिक पतन आदि।

Q. BPL फुल फॉर्म क्या है?

ANS. Below Poverty Line अर्थात निर्धनता रेखा से नीचे।

Q. निर्धनता की अवधारणा किसने दी?

ANS. लार्ड बोयेड ने 1945 में

Q. निर्धनता अनुपात क्या होता है?

ANS. ग़रीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों की संख्या का उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से अनुपात

Q. ग़रीबी का मुख्य कारण है?

ANS. रोजगार कमी, जनसंख्या वृद्धि दर

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