Vijayanagar Samrajya Ki Sthapna Kab Hui?

Vijayanagar Samrajya Ki Sthapna Kab Hui विजयनगर साम्राज्य 14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच विकसित हुआ। इस मध्यकालीन साम्राज्य का पुराना नाम कर्नाटक साम्राज्य हुआ करता था। इस साम्राज्य पर सबसे अधिक समय तक शासन संगम वंश द्वारा किया गया। पुरातत्व विभाग के द्वारा की गई खोज से पता चलता है कि विजयनगर सामाज्य दक्षिण भारत का काफी समृद्ध राष्ट्र हुआ करता था। आइये जानते है विजयनगर साम्राज्य के बारें में –

Vijayanagar Samrajya Ki Sthapna Kab Hui ? 
(credit : social media)

विजयनगर साम्राज्य की स्थापना किसने की? ( Vijayanagar Samrajya Ki Sthapna Kab Hui)

सन् 1336 में हरिहर और बुक्का दो भाइयों ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की। विजयनगर वर्तमान कर्नाटक में तुंगभद्रा नदी के किनारे उत्तर में स्थित था। इसे ‘कर्नाट साम्राज्य’ के नाम से भी जाना जाता था। 

विजयनगर साम्राज्य की राजधानी क्या थी? (Vijayanagar Empire Capital)

इसकी प्रारंभिक राजधानी एनेगोंडी थी। बाद में इसकी राजधानी हम्पी, विजयनगर कर दी गई। इस साम्राज्य की राजधानी तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित थी।

विजयनगर साम्राज्य के सम्राट कौन थे? (Vijayanagar Empire History in Hindi)

हरिहर और बुक्का (1343-1379 ई.)

1343 ई. तक हरिहर ने विजयनगर साम्राज्य पर शासन किया। उसके बाद बुक्का ने शासन भार संभाला। बुक्का ने पूरे दक्षिण भारत में अपने साम्राज्य का विस्तार किया। बुक्का के बाद उनके पुत्र हरिहर द्वितीय फिर बुक्का द्वितीय यहाँ के शासक बने।

देवराय द्वितीय (1419 -1444 ई.) 

बुक्का द्वितीय के बाद देवराय द्वितीय 1419 ई. में विजयनगर की गद्दी पर बैठे। इनके समय सबसे ज्यादा विदेशी यात्री राजधानी हम्पी आए थे। देवराय द्वितीय को ‘गजबेटकर’ की उपाधि मिली थी जिसका अर्थ था हाथियों का शिकारी।

कृष्ण देवराय (1509 -1530 ई.)

विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रतापी और महान शासक माने थे कृष्ण देवराय। उनके दरबार में तेलुगु के आठ महान विद्वान थे जिन्हें ‘अष्टदिग्गज’ कहा जाता था। कृष्ण देवराय ने कृष्ण स्वामी व विट्ठलस्वामी मन्दिर बनवाया। कृष्ण देवराय के प्रसिद्ध दरबारी कवि थे अल्लासनी जिन्हें ‘आन्ध्र कविता के पितामाह’ की उपाधि दी गई थी।

सदाशिव राय 

1542 ई. में सदाशिव राय विजयनगर साम्राज्य के शासक बने।

तालीकोटा का युद्ध 

23 जनवरी 1565 को तालीकोटा का महान युद्ध लड़ा गया। यह युद्ध सदाशिव राय के शासनकाल में हुआ। यह युद्ध विजयनगर साम्राज्य के लिए निर्णायक रहा। इसे राक्षस तंगडी का युद्ध भी कहा जाता है। इस युद्ध में विजयनगर को लूटा गया और नष्ट कर दिया गया। बस इसी के बाद इस साम्राज्य के पतन की शुरुआत हुई।

हम्पी (Vijayanagar Samrajya Ki Sthapna)

इस साम्राज्य के अवशेष हम्पी में देखने को मिलते है। हम्पी को 1986 में यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया। यह तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है। हम्पी में कृष्ण मन्दिर, हेमकूट मन्दिर, लोटस महल, विरूपाक्ष मन्दिर और हजारा रामचंद्र मन्दिर स्थित है।

विजयनगर साम्राज्य के वंश (Vijayanagar Samrajya Ki Sthapna)

वंश संस्थापक
संगम वंश हरिहर और बुक्का
सालुव वंश सालुव नरसिंह
तुलुव वंश वीर नरसिंह
अरविद्डू वंश तिरुमल

विजयनगर साम्राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य (Vijayanagar Samrajya Ki Sthapna)

  • तालीकोटा के युद्ध को बन्नीहट्टी का युद्ध भी कहा गया।
  • विजयनगर वास्तुकला में इंडो – इस्लामिक वास्तुकला देखने को मिलती है।
  • जाम्बावती कल्याणं कृष्ण देवराय द्वारा लिखी संस्कृत रचना थी।
  • “राय गोपुर’ बनाने की परम्परा राजा कृष्ण देवराय के द्वारा की प्रारंभ की गयी थी।

निष्कर्ष 

इस पोस्ट के माध्यम से हमनें संक्षिप्त में Vijayanagar Samrajya Ki Sthapna Kab Hui बताने की कोशिश की है। आशा करते है की यह पोस्ट आप सभी अभ्यर्थियों के लिए सहायक सिद्ध हो। अगर आपको हमारा लेख पसंद आया है तो इसे शेयर करे और कमेंट में सुझाव भी दे सकते है।  

FAQ

Q. विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे?

ANS. हरिहर और बुक्का विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक थे।

Q. विजयनगर पर सर्वाधिक समय तक शासन करने वाला वंश था?

ANS. संगम वंश ने 150 सालों तक अपना आधिपत्य बनाये रखा।

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