Volcanoes in Hindi पृथ्वी की ऊपरी परत में स्थित एक शंकुनुमा आकृति जिसमें से गर्म लावा और गैस बाहर निकलती है, ज्वालामुखी कहलाता है। आइये जानते है ज्वालामुखी क्या होता है, कितने प्रकार का होता है –
क्या होता है ज्वालामुखी (Volcanoes in Hindi)
ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर स्थित एक ऐसी जगह होती है जिसमें से गर्म पदार्थ बाहर निकलते है। जब यह गर्म पदार्थ ज्वालामुखी से बाहर निकलता है तो इसे लावा कहते है। यह लावा धीरे-धीरे बाहर इकट्ठा होकर एक शंकुनुमा आकृति बनाता है। और बाद में यह एक पहाड़ का रूप ले लेता है। ज्वालामुखी का फूटना प्रायः पृथ्वी के भूगर्भ में प्लेटों की स्थिति में परिवर्तन पर निर्भर करता है। भूगर्भ में तापमान की अधिकता के कारण गैस, लावा नीचे से पृथ्वी की सतह पर आ जाते है। कभी कभी यह एक विस्फोट का रूप ले लेते है। क्रेटर झील का निर्माण भी ज्वालामुखी के विस्फोट से ही होता है।
ज्वालामुखी के प्रकार (Type of Volcano)
संसार में अलग-अलग तरह के ज्वालामुखी है। कुछ ज्वालामुखी शांत होते है तो कुछ ज्वालामुखी के विनाशकारी विस्फोट से जान माल को हानि भी हो सकती है। ज्वालामुखी के प्रकार निम्न है –
सक्रिय ज्वालामुखी
सक्रिय ज्वालामुखी वो होते है जिसमें से लावा और गैस लगातार बाहर निकलता रहता है। ये ज्वालामुखी ऐसे होते है कि अगर तापमान की अधिकता हो तो इनमें विस्फोट होने की आशंका भी रहती है। इसके कारण आस-पास के क्षेत्रों में भूकंप भी महसूस किया जा सकता है।
मृत ज्वालामुखी (Volcanoes in Hindi)
ये ज्वालामुखी वे होते है जिनके अंदर लावा समाप्त हो चूका है। बहुत समय से जिनमें से न तो कोई गैस या लावा या मेग्मा जैसा कोई पदार्थ बाहर निकला हो ना ही कोई विस्फोट होने की उम्मीद हो तो उन ज्वालामुखी को मृत मान लिया जाता है।
शांत ज्वालामुखी
जैसा की नाम से ही पता चलता है की ये ऐसे ज्वालामुखी है जो प्रायः शांत होते है। लेकिन ये कब शांत से अशांत हो जाए इसका पता लगाना मुश्किल है। किन्तु इस प्रकार के ज्वालामुखी के लिए वैज्ञानिकों का मानना है कि एक बार इनमें विस्फोट हो जाए तो अगला विस्फोट बनने में कई वर्षों का समय लग जाता है।
भारत के प्रमुख ज्वालामुखी (Volcanoes in Hindi)
- बैरन ज्वालामुखी – यह ज्वालामुखी मध्य अंडमान के पूर्व में स्थित है। यह भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
- नरकोंडम ज्वालामुखी – यह ज्वालामुखी उत्तरी अंडमान के पूर्व में स्थित है ।
विश्व के प्रसिद्ध ज्वालामुखी (World’s Famous Volcanoes)
- माउंट केमरून
- माउंट एटना, इटली (यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल)
- कोटोपेक्सी
- तोबा, इंडोनेशिया
- माउंट सेंत हेलेन्स
- माउंट इरेबस
- ओजोस डेल सलाडो (विश्व का सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित ज्वालामुखी)
- किलायु, हवाई द्वीप
क्रेटर स्थलाकृति किसका परिणाम है?
क्रेटर एक गोल आकार के गड्डे को कहते है जिसका निर्माण किसी विस्फोट से हुआ हो। वो विस्फोट ज्वालामुखी का फटना भी हो सकता है या किसी उल्कापिंड का गिरना। प्रायः क्रेटर स्थलाकृति का निर्माण ज्वालामुखी की क्रिया के दौरान होता है।
भूकंप और ज्वालामुखी संबंध (Volcanoes in Hindi)
ज्वालामुखी और भूकंप का आना पृथ्वी के भूगर्भ में स्थित टेकटोनिक प्लेट की गति पर निर्भर करता है। भूकंप किसी भी क्षेत्र में आ सकता है। पृथ्वी के भूगर्भ में जब P व S तरंगे गति करने लगती है तो भूकंप आता है। टेक्टोनिक प्लेट्स की गति से भूकंप आता है और भूकंप के कारण ज्वालामुखी विस्फोट को गति मिलती है।
निष्कर्ष
इस पोस्ट के माध्यम से हमनें संक्षिप्त में Volcanoes in Hindi बताने की कोशिश की है। आशा करते है की यह पोस्ट आप सभी अभ्यर्थियों के लिए सहायक सिद्ध हो। अगर आपको हमारा लेख पसंद आया है तो इसे शेयर करे और कमेंट में सुझाव भी दे सकते है।
FAQ
ANS. अंडमान और निकोबार में स्थित बैरन और नारकोंडम ज्वालामुखी
ANS. माउंट एरेबस को
ANS. ज्वालामुखी क्रिया का
ANS. अमेरिका के हवाई द्वीप में स्थित किलायु ज्वालामुखी
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