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क्षुद्रग्रह छोटे ग्रह होते है जो सूर्य की परिक्रमा करते है। जानते है क्षुद्रग्रह के बारें में तथ्य -
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क्षुद्रग्रहों का आकार सामान्य ग्रहों से बहुत छोटा होता है, इन्हें 'Minor Planets' भी कहा जाता है।
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क्षुद्रग्रह शब्द विलियम हर्शेल द्वारा प्रस्तावित किया गया था जिसका अर्थ होता है - तारें जैसे आकार का।
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अब तक 10 लाख से भी अधिक क्षुद्रग्रह की खोज की जा चुकी है।
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सबसे अधिक क्षुद्रग्रह मंगल और ब्रहस्पति की कक्षाओं में पाए गए है।
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ग्रहों के विस्फोट से ही क्षुद्रग्रह का निर्माण हुआ है अगर यह पृथ्वी से टकरा जाए तो बहुत बुरा प्रभाव डाल सकते है।
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यह ग्रह खनिज, चट्टानों और धूल के कणों के बने होते है, खोज से पता चला है कि अन्तरिक्ष के कठोर वातावरण के कारण यह ग्रह समय के साथ लाल रंग के होते जाते है।
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1819 में सेरेसा नाम का पहला क्षुद्रग्रह खोजा गया था।
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धरती से दो गुना बड़े हीरे से बने ग्रह के बारे में जानें-