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इस किले के बारें में किवदंती है कि भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण को तोहफे में दिया था, जानते है इसका नाम और इतिहास
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मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है यह किला जो कि एक पठार पर बना हुआ है, 4 वर्ग किलोमीटर के पठार पर यह किला बना हुआ है
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यह किला 812 मीटर की उंचाई पर स्थित है, वर्तमान में यह किला एक खंडहर जैसा है लेकिन अब सरकार द्वारा इसके संरक्षण के प्रयास किए जा रहे है
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भीमसेनी संवत, शिव सेना पुराण से इस किले का उल्लेख मिलता है, यहाँ मिली रॉक पेंटिंग से पता चलता है कि यह किला ईसा पूर्व काल का है
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पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र और इस ऐतिहासिक किले का नाम है बांधवगढ़ का किला जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘भाई का किला’
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यह किला पहाड़ी की चोटी पर है जिसमें मोती महल, मानव द्वारा निर्मित राजा तालाब, विशाल वामन अवतार मूर्ति, कबीर मंदिर और बांधवधीश मन्दिर आदि
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बांधवगढ़ के किले पर माघ, मौर्य, बघेल राजाओं का शासन रहा, 9वीं शताब्दी में यह किला राजधानी रहा
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फिर आया 1617 ई. जब बघेल शासक राजा विक्रमादित्य ने बांधवगढ़ छोड़ किया और रीवा को अपनी राजधानी बना लिया
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बांधवगढ़ क्षेत्र अपनी बायोडायवर्सिटी के जाना जाता है लेकिन जैसे ही राजा ने इसे छोड़ा इसके आस-पास के गाँव भी खाली हो गए, तबसे यहाँ वन्य जीवों के जगह बनती गई
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बांधवगढ़ किला खाली होने के बाद इसे राजाओं का शिकार ग्रह घोषित कर दिया गया था बाद में यह राष्ट्रीय उद्यान बना और यहाँ शिकार और पेड़-पौधों की कटाई पर पाबन्दी लगा दी गई
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जानें ऐसे राष्ट्रीय उद्यान के बारें में जिसमें 2000 साल पुराना किला है