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बैंकिंग निवेश नीतियों और नियमों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बैंकिंग विनियमन अधिनियम बनाया गया था

16 मार्च 1949 को बैंकिंग विनियमन अधिनियम पारित किया गया था, इसी अधिनियम के तहत सभी बैंक की शाखाओं को लाइसेंस दिया जाता है

बैंकिंग अधिनियम 1949 में 56 धाराएँ थी और शुरुआत में यह बैंकिंग कंपनी पर ही लागू था बाद में इसे सरकारी बैंकों पर भी लागू किया गया

हाल ही में लोकसभा में बैंकिंग संशोधन अधिनियम 2024 पारित किया गया है इसमें बैंक के कुछ नियमों में बदलाव किया गया है

ग्राहकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए ये बदलाव किए गए है जानते है वें क्या है-

इस अधिनियम में प्रावधान किया गया है जहाँ बैंक आरबीआई को हर शुक्रवार को रिपोर्ट देता था वहीं अब पखवाड़े के अंतिम दिन देनी होगी

पहले खाताधारक को एक ही नॉमिनी बनाने की सुविधा थी वहीं अब इस संख्या को बढ़ाकर 4 कर दिया गया है

सरकारी बैंकों में निदेशकों का कार्यकाल आठ साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है

पर्याप्त ब्याज की सीमा को 5 लाख रूपए से बढ़ाकर 2 करोड़ रूपए कर दी गई है, यह सभी संशोधन लोकसभा के शीतकालीन सत्र 2024 में किए गए है

असम के किस जिले का नाम बदला गया है जानिए-