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जीआई टैग किसी भी वस्तु जिसकी अपनी भौगोलिक विशेषताएं हो, वह अपने विशेष लक्षण के कारण जानी जाती हो, उसे दिया जाता है

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हाल ही में नई दिल्ली में ‘जीआई एंड बियॉन्ड : फ्रॉम हेरिटेज टू डेवलपमेंट’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया

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इस कार्यक्रम में गुजरात की एक और सांस्कृतिक विरासत “घरचोला” को जीआई टैग दिया गया है, गुजरात को मिलने वाला यह 27वां GI टैग है

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गुजरात के खम्बात और जामनगर के इलाकों में घरचोला बनाया जाता है, इस राज्य के हस्तशिल्प क्षेत्र के GI टैग में घरचोले का 23वां स्थान है

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घरचोला एक परंपरागत साड़ी या ओड़नी है जो कि हिन्दू समुदाय में शादियों में मुख्य रूप से पहना जाता है

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घरचोला लाल, पीला और हरा जैसे रंगों से बनाया जाता है, इसे शुभ कामों में पहनने का रिवाज है

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यह मुख्यतः एक बंधेज की साड़ी है जिसमें 9, 12, 52 की संख्या में वर्ग बने होते है, यह रेशम या सिल्क का बना होता है

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12 वर्ग वाले घरचोले को ‘बार बाग़’ और 52 वर्ग वाले घरचोले को ‘बावन बाग़’ कहा जाता है, ये वर्ग ज़री की बॉर्डर से घिरे होते है

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घरचोले के साथ और भी वस्तुएं है जिन्हें GI टैग दिए गए उनके नाम है- सौदागिरी प्रिंट, बनासकांठा की सूफ कढ़ाई, सूरत की सादेली कला इत्यादि

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जानें भारत में किन उत्पादों को GI Tag दिया जा चुका है