अगर आप केवल अपने भविष्य के ही विषय में सोचते रहें तो आप अपने वर्तमान को भी खो देंगे।

— गुरु गोबिंद सिंह 

गुरु गोविन्द सिंह का जन्म पटना में 1666 ई. गुरु तेग बहादुर के घर में हुआ।

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इस्लाम धर्म न स्वीकार करने के कारण औरंगज़ेब ने इनके पिता गुरु तेगबहादुर की हत्या कर दी थी।

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गुरू गोविन्द सिंह अपने पिता की मृत्यु के बाद सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु बने।

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गुरु गोविन्द सिंह को सरबंसदानी और संत सिपाही के नाम से जाना जाता था।

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गुरु गोविन्द सिंह ने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की।

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गुरू गोबिंद सिंह एक महान योद्धा थे, उनके बारें में कहा जाता है की उन्होंने बड़ी वीरता के साथ 14 युद्ध लड़े।

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गुरू गोबिंद सिंह ने एकता और भाईचारे का पाठ पढ़ाया और अपना पूरा जीवन मानवता किसेवा में गुजार दिया।

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महाराष्ट्र में 7 अक्टूबर 1708 में इनका निधन हो गया।

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