आइये जानते है उत्तरप्रदेश के बौद्ध और जैन धर्म दोनों की प्रसिद्ध तीर्थस्थली कौनसी है?
आइये जानते है उत्तरप्रदेश के बौद्ध और जैन धर्म दोनों की प्रसिद्ध तीर्थस्थली कौनसी है?
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प्रयागराज से 33 किमी दूर कौसम नामक स्थान ही कौशाम्बी हुआ करता था ।
प्रयागराज से 33 किमी दूर कौसम नामक स्थान ही कौशाम्बी हुआ करता था ।
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हस्तिनापुर के राजा निचुक्ष के गंगा में बह जाने के बाद इस नगर की स्थापना की गई।
हस्तिनापुर के राजा निचुक्ष के गंगा में बह जाने के बाद इस नगर की स्थापना की गई।
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जैन ग्रन्थ के अनुसार कुशम्ब पेड़ो की अधिकता के कारण इस जगह का नाम कौशाम्बी पड़ा।
जैन ग्रन्थ के अनुसार कुशम्ब पेड़ो की अधिकता के कारण इस जगह का नाम कौशाम्बी पड़ा।
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यह जैन और बौद्ध धर्म दोनों की प्रसिद्ध तीर्थस्थली है।
यह जैन और बौद्ध धर्म दोनों की प्रसिद्ध तीर्थस्थली है।
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कौशाम्बी में महात्मा बुद्ध ने धर्मोपदेश दिए और लोगों को अपना शिष्य बनाया।
कौशाम्बी में महात्मा बुद्ध ने धर्मोपदेश दिए और लोगों को अपना शिष्य बनाया।
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कौशाम्बी में जैन धर्म के छठे तीर्थंकर का जन्म हुआ था।
कौशाम्बी में जैन धर्म के छठे तीर्थंकर का जन्म हुआ था।
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वैदिक और जैन साहित्यों में कौशाम्बी का उल्लेख है।
वैदिक और जैन साहित्यों में कौशाम्बी का उल्लेख है।
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जैन ग्रन्थ कयहाँ अनेक विहार थे जिसमें प्रमुख था घोषितराम विहार।
जैन ग्रन्थ कयहाँ अनेक विहार थे जिसमें प्रमुख था घोषितराम विहार।
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