आइये जानते है कुम्भलगढ़ किले के इतिहास के बारें में -
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कुम्भलगढ़ दुर्ग को हेमकूट, नील दुर्ग और मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी के रूप में भी जाना जाता है।
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कुम्भलगढ़ दुर्ग में स्थित कटारगढ़ दुर्ग को मेवाड़ की आँख कहा जाता है ।
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जरगा की पहाड़ी पर स्थित यह दुर्ग 36 किमी लम्बा और 12 मीटर चौड़ा है।
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हल्दीघाटी युद्ध में कुम्भलगढ़ दुर्ग को ही महाराणा प्रताप द्वारा अपनी राजधानी बनाया गया था।
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महाराणा कुम्भा की हत्या उनके पुत्र उदा द्वारा इसी दुर्ग में की गयी।
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कर्नल जेम्स टॉड द्वारा इस दुर्ग की तुलना एस्त्रुकन पहाड़ी से की गयी है।
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कुम्भलगढ़ दुर्ग की दीवार चीन की दीवार के बाद दूसरी सबसे लम्बी दीवार है।
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कुम्भलगढ़ दुर्ग पर अकबर के सेनापति द्वारा तीन बार आक्रमण किये गये पर उनकी सेना इस दुर्ग को नहीं जीत पाई।
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