संविधान में संपत्ति के अधिकार की बात अनुच्छेद 31 में की गई है, जानते है इसके बारें में -
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संपत्ति का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है बल्कि यह एक सांविधानिक अधिकार है।
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44 वें संविधान संशोधन द्वारा इस अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया गया है।
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अनुच्छेद 19(1) (च) व अनु. 31 को संविधान से हटा दिया गया और संविधान के भाग 12 में एक नया अध्याय 4 को भी जोड़ दिया गया
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वर्तमान में अनुच्छेद 300 (क) के अधीन संपत्ति का अधिकार एक विधिक अधिकार है।
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1978 में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के कार्यकाल में संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों की सूची से विलोपित कर दिया गया।
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अनुच्छेद में बताया गया है कि कोई भी राज्य बिना कानून का पालन किए किसी की निजी संपत्ति का अधिग्रहण नहीं कर सकता।
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संविधान के अनुसार संपत्ति के अधिकार का उपयोग मानवाधिकार के रूप में किया जा सकता है।
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मौलिक अधिकारों के बारें में विस्तार से जानिए -
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