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आइये जानते है एक ऐसे एक्सोप्लैनेट के बारे में जो हीरे से बना हुआ है।
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हाल ही में नासा ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) का उपयोग करते हुए एक ऐसा एक्सोप्लैनेट ढूंढा है, जिसकी चौड़ाई पृथ्वी से लगभग दोगुनी है और वजन नौ गुना से अधिक है।
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वैज्ञानिकों ने इसे सुपर अर्थ के रूप में पहचान दी है।
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सुपर अर्थ उन ग्रहों को कहा जाता है जो धरती से विशाल है लेकिन यूरेनस और नेप्च्यून की तुलना में हलके होते है।
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इस ग्रह को 55 कैनक्री ई के नाम से जाना जाता है जो सौर मंडल से लगभग 41 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
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यह एक्सोप्लैनेट काफी घना है, इसलिए खगोलविदों का कहना है कि यह कार्बन से बना हुआ है, और इसमें हीरे छिपे हुए है।
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इस गृह की गर्म सतह का तापमान लगभग 2,400 डिग्री सेल्सियस है।
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55 कैनरी ई ग्रह भी सूर्य की तरह एक तारे 55 कैनक्री ए से 2.3 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित है।