शतरंज एक प्राचीन रणनीतिक खेल है, माना जाता है कि यह सातवीं शताब्दी से खेला जा रहा है
भारत में शतरंज की लोकप्रियता बीते कुछ सालों में काफ़ी बढ़ी है जिसका मुख्य कारण विश्वनाथन आनंद है
विश्वनाथन आनंद 5 बार विश्व चैम्पियन रह चुके है, 1988 में आनंद ग्रैंडमास्टर बने थे, इन्हें खेल रत्न पुरस्कार और पद्म विभूषण पुरस्कार भी मिल चुका है
हाल ही में सिंगापुर में विश्व चेस चैम्पियनशिप का आयोजन हुआ जिसमें भारत ने इतिहास रच दिया है
भारत के युवा गुकेश दोमराजू महज़ 18 साल की उम्र में शतरंज विश्व चैम्पियन बन गए है
गुकेश ने सिंगापुर के एक मैच में पूर्व चैम्पियन डिंग लिरेन को हराकर विश्व चैम्पियन का खिताब जीता है
गुकेश का जन्म चेन्नई में 2006 में हुआ था था उनके पिता एक सर्जन है और माताजी जीवविज्ञानी है
गुकेश को विश्व चैम्पियन बनाने में उनके माता-पिता का काफ़ी सहयोग रहा, उनके पिता को अपनी प्रैक्टिस भी छोडनी पड़ी
विश्व चैम्पियनशिप 2024 का प्राइज मनी 20 करोड़ रूपए है जिसे खिलाड़ियों द्वारा खेले गए खेलों में बांटा जाता है, गुकेश को 11.45 करोड़ की राशि ईनाम में मिली है
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