World Heritage Day विश्व में जो विरासत है वे हमारे पूर्वजों द्वारा बनाई गई अनमोल संपति है। इन विरासतों का संरक्षण किया जाना आवश्यक है। ऐतिहासिक इमारतें दुनिया की अमूल्य धरोहर है। ये सभी राष्ट्र की पहचान है। आइये जानते है की इन धरोहरों के संरक्षण के लिए जो दिन मनाया जाता है उनके बारें में –
कब मनाया जाता है विश्व धरोहर दिवस ?
विश्व धरोहर दिवस प्रतिदिन 18 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1982 में हुई थी। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को द्वारा मनाया जाता है। पहला विश्व विरासत दिवस 18 अप्रैल 1982 को ट्यूनीशिया में मनाया गया था। विश्व धरोहर दिवस 2022 की थीम ‘विरासत और जलवायु’ थी।
विश्व धरोहर दिवस का इतिहास (World Heritage Day)
दुनिया की अमूल्य धरोहर को बचाने का प्रस्ताव तो 1968 में अंतर्राष्ट्रीय संगठन द्वारा रखा गया था। बाद में संयुक्त राष्ट्र के सामने 1978 के एक सम्मेलन में इसका प्रस्ताव पारित हुआ। पहले इस दिवस को ‘विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस’ के रूप में जाना जाता था। बाद में यूनेस्को के द्वारा इसे मान्यता मिली और इसका नाम विश्व विरासत दिवस रखा गया।
विश्व विरासत दिवस से जुड़े कुछ तथ्य (World Heritage Day in Hindi)
- सबसे पहले 1978 में 12 स्थलों को विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया था।
- पूरे विश्व में 1121 विश्व विरासत स्थल है।
- भारत में कुल 40 स्थलों को यूनेस्को विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया है।
- 2020 में धोलावीरा को विश्व विरासत घोषित किया गया है।
भारत के प्रमुख विश्व धरोहर स्थल (Heritage Sites in Hindi)
यूनेस्को द्वारा भारत में अब तक 40 ऐतिहासिक धरोहरों और कुछ प्राकृतिक स्थानों को विश्व विरासत की सूची में शामिल किया जा चुका है उनमें से प्रमुख निम्न है –
- हम्पी, कर्नाटक
- आगरा फोर्ट, उत्तर प्रदेश
- अजंता गुफा, महाराष्ट्र
- साँची के स्तूप, मध्य प्रदेश
- फतहपुर सीकरी, उत्तर प्रदेश
- एलोरा गुफा, महाराष्ट्र
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम
- जयपुर शहर, राजस्थान
- खजुराहों, मध्य प्रदेश
- कोणार्क सूर्य मन्दिर, ओडिशा
- ताजमहल, उत्तर प्रदेश
- सुन्दरबन, पश्चिम बंगाल
- सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व, मध्य प्रदेश
- नंदा देवी अभयारण्य, उत्तराखंड
- कुतुबमीनार, दिल्ली
- धोलावीरा
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान के बारें में भी जानें –
यूनेस्को द्वारा इस दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र की अनमोल धरोहर को सहेज के रखना है। और लोगों में इन ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के महत्व के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने आपको World Heritage Day के बारें में संक्षिप्त में बताने का प्रयास किया है। आशा करते है की पोस्ट आपको पसंद आएगी। पोस्ट को शेयर करे और कमेंट कररें और कोई त्रुटी के विषय में आप हमसे संपर्क भी कर सकते है।
FAQs
ANS. 18 अप्रैल को
ANS. 40
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